Sriharikota : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज फिर इतिहास रच दिया. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से आज शुक्रवार दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में उड़ान भरी. भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 लॉन्च हो गया. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Chandrayaan-3 mission: Spacecraft lifts off successfully from Sriharikota
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— ANI Digital (@ani_digital) July 14, 2023
Chandrayaan-3 scripts a new chapter in India’s space odyssey. It soars high, elevating the dreams and ambitions of every Indian. This momentous achievement is a testament to our scientists’ relentless dedication. I salute their spirit and ingenuity! https://t.co/gko6fnOUaK
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2023
#WATCH | Sriharikota: “It is indeed a moment of glory for India and destiny for all of us here at Sriharikota who were part of a history in the making. Thank you team ISRO for making India proud & thank you PM Modi for making this possible by unlocking the gates of Sriharikota… pic.twitter.com/uMjvvb1yTw
— ANI (@ANI) July 14, 2023
#WATCH | School children who had arrived at the Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, Andhra Pradesh express their delight following the successful launch of #Chandrayaan3 into orbit.
“I feel very proud that our scientists & country are doing so good. It was a… pic.twitter.com/IkJpKlW6mg
— ANI (@ANI) July 14, 2023
प्रक्षेपण के सोलह मिनट बाद प्रक्षेपण माड्यूल रॉकेट से अलग हो गया
कल शुरू हुई 25.30 घंटे की उलटी गिनती के अंत में एलवीएम3-एम4 रॉकेट यहां स्थित अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से अपराह्न 2.35 बजे निर्धारित समय पर धुएं का घना गुबार छोड़ते हुए शानदार ढंग से आकाश की ओर रवाना हुआ. प्रक्षेपण के सोलह मिनट बाद प्रक्षेपण माड्यूल रॉकेट से अलग हो गया. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3, रॉकेट एलवीएम3-एम4 से सफलतापूर्वक अलग हो गया और चंद्रमा की तरफ अपनी यात्रा शुरू कर दी.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसरो को बधाई दी
India successfully launches Chandrayaan-3 marking another significant milestone in space exploration.
Heartiest congratulations to the @ISRO team and everyone who worked relentlessly to accomplish the feat!
It demonstrates the nation’s unwavering commitment to advancement in…
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 14, 2023
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी और कहा कि यह अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति के प्रति राष्ट्र की दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. राष्ट्रपति भवन ने राष्ट्रपति मुर्मू के हवाले से ट्वीट किया, भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर है. इसके लिए इसरो, टीम और उन सभी को शुभकामनाएं, जिन्होंने इस कार्य को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम किया.
यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय है
पीएम मोदी ने अभियान की सफलता पर ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी. मोदी ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के बाद कहा कि यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय है. उन्होंने इस उपलब्धि को वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण बताया. मोदी ने यान के प्रक्षेपण के तत्काल बाद एक ट्वीट में कहा, ‘चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है. यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है।.मैं उनकी भावना और सरलता को सलाम करता हूं.
हजारों दर्शक चंद्रयान-3 के रवाना होते ही खुशी से झूम उठे.
जान लें कि एलवीएम3-एम4 रॉकेट अपनी श्रेणी में सबसे बड़ा और भारी है जिसे वैज्ञानिक फैट बॉय कहते हैं. प्रक्षपेण देखने के लिए मौजूद हजारों दर्शक चंद्रयान-3 के रवाना होते ही खुशी से झूम उठे. आज रवाना हुआ चंद्र मिशन’ 2019 के चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है. भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का है. चंद्रयान-2’ मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर विक्रम’ पथ विचलन के चलते सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल नहीं हुआ था. यदि इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जायेगा.
एलवीएम3एम4 रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था
इसरो ने पूर्व में कहा था कि चंद्रयान-3 कार्यक्रम के तहत इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल की मदद से चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ और चंद्र भूभाग पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन करके नयी सीमाएं पार करने जा रहा है. एलवीएम3एम4 रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था. अगस्त के अंत में चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनाई गई है. उम्मीद है कि यह मिशन भविष्य के अंतरग्रही अभियानों के लिए सहायक होगा. चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है जिसका उद्देश्य अंतर-ग्रहीय अभियानों के लिए आवश्यक नयी प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और प्रदर्शित करना है. शुक्रवार का मिशन एलवीएम3 की चौथी अभियानगत उड़ान है जिसका उद्देश्य चंद्रयान-3 को भू-समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित करना है.
50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा
615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ ये मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा. ‘चंद्रयान-3’ को भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया. इसे पहले GSLV MK-III के नाम से जाना जाता था. इसी रॉकेट से स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के तौर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन सेंटर पहुंचे थे. इसके अलावा पूर्व इसरो चीफ राधाकृष्णन, के सिवन और एएस किरण कुमार भी चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग पर मौजूद थे