Ranchi: राज्यभर के वकीलों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि अब 2 फरवरी यानि कि मंगलवार से झारखंड के सभी अदालतों में फिजिकल सुनवाई शुरू हो रही है. करीब 10 महीनों के बाद झारखंड में अब मुकदमों की सुनवाई फिजिकल कोर्ट में होगी. झारखंड के लगभग 35 हज़ार वकीलों के लिए यह सबसे बड़ी और राहत भरी खबर है. झारखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने इस बाबत सभी जिले के न्यायाधीशों को पत्र लिखकर फिजिकल कोर्ट शुरू करने का निर्देश दे दिया है.
लॉकडाउन के वक्त से ही झारखंड की पूरी न्यायपालिका वर्चुअल मोड पर काम कर रही थी, और पिछले कुछ महीनों से राज्य भर के अधिवक्ता फिजिकल कोर्ट शुरू करने की मांग कर रहे थे. कोर्ट में सुनवाई शुरू करने की सूचना मिलने से वकीलों में काफी उत्साह है और अब उम्मीद की जा रही है कि सिविल कोर्ट समेत हाई कोर्ट में भी अब चहल-पहल काफी बढ़ी हुई दिखेगी.
यह फैसला स्वागत योग्य है – राजेंद्र कृष्णा
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्णा ने कहा है कि फिजिकल कोर्ट शुरू किए जाने का फैसला स्वागत के योग्य है. इसके साथ ही उन्होंने झारखंड के वकीलों से यह अपील की है कि कोविड के मद्देनजर राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए फिजिकल कोर्ट में अधिवक्ता सुनवाई के लिए उपस्थित हो.
तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहा था हाइकोर्ट – रजिस्ट्रार जनरल
हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अम्बुजनाथ ने कहा था कि तैयारियों की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट कर रहा है. और हाईकोर्ट को लगेगा की तैयारियां पूरी हो गयी हैं, तो फिजिकल कोर्ट शुरू करने का निर्देश दे दिया जायेगा.
वहीं राज्यभर के अधिवक्ता एक बार फिर फिजिकल कोर्ट में सुनवाई शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
फिजिकल कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का करना होगा पालन
बता दें कि झारखंड हाइकोर्ट समेत राज्य के सभी जिला अदालतों में फिजिकल सुनवाई के लिए एसओपी जारी कर दी गयी है. एस ओ पी के मुताबिक, हाइकोर्ट की गाइडलाइन के तहत अदालतों में मुकदमों की सुनवाई के दौरान सभी नियमों का पालन करना होगा. फिजिकल कोर्ट में सुनवाई शुरू करने के पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी कोविड-19 यूजर मैनुअल का ट्रेनिंग लेना जरूरी है. साथ ही इसे सभी कोर्ट के लिए जारी करने और सभी कोर्ट फिजिकल और वर्चुअल कोर्ट के लिए अलग-अलग कॉज लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया गया है.
फिजिकल कोर्ट में सुनवाई की पूरी व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार करने का निर्देश जारी किया गया है. हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सभी गाइडलाइन राज्य के जिलों के प्रधान न्यायाधीश को भेज दी है. कोरोना के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए फिजिकल सुनवाई के लिए अदालतों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है.