Ranchi/Hazaribagh: हजारीबाग निगम क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है. हजारीबाग नगर पालिका द्वारा जमीनदारी अधिकारों का उपयोग के प्रावधानों को अब खत्म कर दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्वीकृति के बाद सरकार लगाम निर्गत करेगी. इसको लेकर बिहार भूमि सुधार अधिनियम 1950 के प्रावधान के अनुरूप सरकार ने भूमि के अभिलेखों का हस्तांतरण का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने हजारीबाग नगरपालिका द्वारा अबतक उपभोग किये जा रहे जमीन्दारी अधिकारों (Intermediary Rights) को लेकर अपर मुख्य सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की अध्यक्षता में 21 जून 2022 को किये गये बैठक के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी है. स्वीकृति के अब यह भूमि राज्य सरकार में निहित (Vest) कर दी गई है.
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हजारीबागवासियों को हो रही थी परेशानी
मालूम हो कि हजारीबाग शहर की करीब आधी भूमि का राजस्व रसीद हजारीबाग नगरपालिका द्वारा निर्गत किया जाता था. जिसे वर्ष 2011- 12 में तत्कालीन एसडीओ ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. तब से लेकर अब तक जमीन की खरीद-बिक्री, म्यूटेशन, आदि को लेकर लोग कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे थे. जिला प्रशासन के पास भी रसीद निर्गत करने का अधिकार नहीं था, जिससे समस्या जटिल होती जा रही थी. इस बाबत पूर्व में विधानसभा में भी सवाल पूछे गए. कई जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने इस समस्या के निराकरण की मांग कई बार पूर्व की सरकारों के समक्ष रखा था. लेकिन समाधान कभी नहीं निकल पाया. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मामले की जानकारी के उपरांत रसीद निर्गत करने की प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु राजस्व विभाग को रसीद निर्गत करने संबंधी प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान की है.
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