Pravin kumar
Ranchi: झारखंड बनने के बाद से राजधानी में अपना अशियाना बनाने की इच्छा रखने वाले लोगों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है. लेकिन राजधानी में जमीन की मांग के साथ ही बिचौलियों, दलालों और जमीन माफिया की भी संख्या लगातार बढ़ती गयी है. पिछले कुछ वर्षों में भूमि से जुड़े कई मामलों में संगीन अपराध को भी अंजाम दिया गया है. समय के साथ भू-माफिया की नजर शहरी क्षेत्र से निकलकर ग्रामीण इलाकों पर भी पड़ने लगी है. भू-माफिया अब गैरमजरूआ, भुइंहरी, पहनई, डाली केतरी, भूतखेता से लेकर नदी-नालों तक को नहीं छोड़ रहे हैं. जमीन लूट के इस खेल में भू माफिया और दलालों के साथ अंचल कार्यालय के बाबुओं की भी मिलीभगत है.
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अंचल कार्यालय की भी मिलीभगत
अंचल कार्यालय के साथ भू-माफिया की मिलीभगत अक्सर देखने को मिलती है. इस मामले में कांके अंचल में पूर्व डीजीपी डीके पांडेय के द्वारा सरकारी भूमि खरीद का मामला सबसे ताजा उदाहरण है. इस मामले के उजागर होने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
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विधायक बंधु तिर्की विभाग को लिखा था पत्र
हाल के दिनों मांडर विधायक बंधु तिर्की ने राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को पत्र लिखकर गैरमजरूआ एंव रैयती जमीन की फर्जी तरीके से जमाबंदी एवं अवैध-बिक्री को रद्द करने की मांग की थी. इसके बाद विभागीय सचिव ने प्रमंडलीय आयुक्त कमल जॉन लकड़ा को जांच के आदेश दिये हैं. आयुक्त ने मामले की जांच के लिए संबंधित उपायुक्त को पत्र लिखा है, लेकिन आदेश के बावजूद जिला स्तर पर इस पूरे मामले को लटकाये जाने की जानकारी मिल रही है.
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जानें कहां-कहां भूमाफिया ने की मनमानी
केस 1
रांची जिला के नगड़ी अंचल के मौजा हल्हु, खेवट सं.- 2/3 खाता नं. 18 , प्लॉट सं.- 368,433,424,1292,1170 कुल रकबा 9.48 एकड़ भूमि के संबंध में न्यायालय के आदेश को विलोपित कर भू-माफिया द्वारा अवैध बिक्री का खेल खेला गया.
केस 2
चान्हो प्रखंड के मौजा चटवल, खाता संख्या- 41, रकबा 33.38 एकड़ गैरमजरुआ भूमि का अवैध बंदोबस्त करने, चान्हो प्रखंड के ही मौजा तरंगा के खाता सं. -109,प्लॉट सं. 21/2232 एवं 21/2233, रकबा 8 एकड़ की बंदोबस्ती में भी खेल किया गया है.
केस 3
रातू अंचल के मौजा मुरगू के खाता सं. 64, 65, 98 रकबा 11.62 एकड़ जमीन पर अनुसूचित जनजाति की भूमि पर दबंग लोगों द्वारा अवैध कब्जा करने का मामला सामने आया, वहीं मुरमू से चितरकोटा रोड एवं पुल निर्माण के लिए प्लॉट नं. 733, 611, 612 की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा भी भू- माफिया ने चट कर लिया.
केस 4
अंचल अरगोड़ा, खाता नं. 148, प्लॉट नं. 1089 खाता नं. 148, प्लॉट नं. 1089, 1090, 1091, 1092 कुल रकबा 1.19 एकड़ पर अवैध निर्माण करने का मामला भी समाने आया है, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं की गयी है.
केस 5
बेड़ो अंचल का मौजा चनगनी, खाता नं. 237, रकबा 144.48 एकड़ गैरमजरूआ खास भूमि की अवैध बंदोबस्ती कर दी गयी, वहीं मौजा आरा खाता नं. 86 प्लॉट नं. 98 रकबा 2.45 एकड़ तथा खाता नं.1991, रकबा 44 डिसमिल भूमि की दखल-दहानी न करने का मामला भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
इसके अतिरिक्त रांची एवं खूंटी जिला के अंचलों में गैरमजरूआ एवं रैयती जमीन की अवैध जमाबंदी एवं फर्जी तरीके से खरीद- बिक्री के मामले की विभागीय स्तर से जांच के आदेश दिये गये हैं, लेकिन अब तक मामले में जांच की रिपोर्ट जिला मुख्यालय नहीं पहुंची है.
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