Akshay Kumar Jha
Ranchi: भू राजस्व विभाग ने रांची के आसपास की विवादित जमीनों को लेकर सख्त फैसला लेते हुए एक जांच समिति का गठन किया है. समिति को 20 दिन के अंदर दोषियों की पहचान कर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है. समिति की अध्यक्षता उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक ए मुथु कुमार करेंगे. उनके अलावा अपर सचिव राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार की सुमन कैथरीन किस्पोट्टा, संयुक्त सचिव राजस्व विभाग के अभिषेक श्रीवास्तव और राजस्व विभाग के अवर सचिव मधुकांत त्रिपाठी सदस्य के रूप में रहेंगे. विभाग ने कहा है कि यह जांच समिति हर जरूरी कार्यालय में जायेगी और हर फाइल की जांच करेगी.
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पुलिस हाउसिंग कॉलोनी- तीन रिमाइंडर के बाद भी डीसी ने नहीं भेजी रिपोर्ट
कांके स्थित पुलिस हाउसिंग कॉलोनी जिसमें पूर्व डीजीपी डीके पांडे ने अपनी पत्नी के नाम पर करीब 50 डिसमिल जमीन ली थी. उसकी जांच भी यह जांच समिति करेगी. विभाग का कहना है कि छह जून 2019 को डीसी रांची को मामले की जांच कर विभाग को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था. विभाग की तरफ से तीन बार रिमाइंडर भी दिया गया. लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक विभाग को कोई जवाब नहीं दिया गया है. लिहाजा विभाग अब जांच समिति से पूरे मामले की जांच कराएगा.
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सात रिमाइंडर के बाद भी नहीं हुई नामकुम जमीन माफिया पर कार्रवाई
विभाग की तरफ से कहा गया है कि नामकुम अंचल क्षेत्र में करीब 10 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री की गयी थी. रजिस्ट्री भी करा ली गयी थी. विभाग की तरफ से इस जमीन की जमाबंदी रद्द करने का आग्रह किया गया था. लेकिन रांची प्रशासन की तरफ से सात रिमाइंडर के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इसकी जांच भी समिति करेगी.
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10 रिमाइंडर के बाद नगड़ी अंचल के माफिया पर नहीं हुई कार्रवाई
नगड़ी अंचल के पुंदाग में विवादित जमीन की खऱीद-बिक्री की गयी थी. मामले पर कमिश्नर ने जांच करा कर रांची डीसी को कार्रवाई के लिए भेजा. जमीन की रजिस्ट्री रद्द कराने का उपायुक्त से आग्रह किया गया था. इसमें भी 10 रिमाइंडर देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है. जांच समिति अब इस मामले की पड़ताल करेगी.
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मुख्यमंत्री सचिवालय से की गयी शिकायत की नहीं हुई जांच
मुख्यमंत्री सचिवालय में जमीन संबंधी एक शिकायत की गयी थी. कहा गया था कि सरकारी कर्मचारी और भू-माफिया मिलकर दस्तावेज में हेर-फेर और साथ ही जमीन के रिकॉर्ड में छेड़-छाड़ कर रहे हैं. ऐसा कर जमीन माफिया सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेचने का काम कर रहे हैं. इस मामले पर विभाग की तरफ से जिला प्रशासन को एक अक्टूबर 2020 तक जांच रिपोर्ट देने को कहा गया था. लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट विभाग में नहीं भेजी गयी है. इस मामले की भी जांच अब विभाग की जांच समिति करेगी.
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