दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे एंबुलेंसकर्मी, रेफर किये गये मरीज और परिजन रहे परेशान
सीपीएम ने दिया आंदोलन को समर्थन, सीएम को फैक्स कर मानदेय भुगतान करने की लगाई गुहार
Hazaribagh : हजारीबाग में बुधवार को दूसरे दिन भी एंबुलेंसकर्मी हड़ताल पर रहे. सभी कर्मी सदर अस्पताल परिसर में 108 एंबुलेंस को लगाकर सरकार से पांच माह का बकाया वेतन भुगतान करने की मांग करते रहे. इधर बाहर रेफर हुए मरीज और उनके परिजन परेशान रहे. प्राइवेट एंबुलेंस से मरीज रेफर हुए. इसके लिए भी उन्हें घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ी. प्राइवेट एंबुलेंस में ज्यादा भाड़ा लिए जाने की बात कही गई. इधर सीपीएम नेता गणेश कुमार वर्मा उर्फ सीटू ने एंबुलेंसकर्मियों के आंदोलन को समर्थन देते हुए उनके बकाया पांच माह के मानदेय भुगतान करने के लिए सरकार से मांग की. उन्होंने कहा कि पांच का बकाया वेतन की मांग को लेकर झारखंड के 337 ( 108 एंबुलेंस) चालक दल के लगभग 1500 लोग आठ अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
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हड़ताल से मरीजों को परेशानी : सीटू
इस संबंध में चालक संबंधित जिले के उपायुक्त, सिविल सर्जन और राज्य सरकार से वेतन भुगतान करने की गुहार लिखित रूप से की है. इसका कोई असर नहीं हुआ, तो सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. इस संबंध में सीपीएम नेता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फैक्स के माध्यम से मांग पत्र प्रेषित कर मांग की है. कहा कि झारखंड में लगभग 24 सदर अस्पताल हैं. इन अस्पतालों में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज रेफर होकर सरकार के छह सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एक एम्स और दो निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जाते हैं. कई मेडिकल कॉलेज के मरीज भी रिम्स रांची जाते हैं. सिर्फ हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से प्रतिदिन 20 से 25 मरीज रिम्स रेफर होते हैं. सड़क दुर्घटना हो या प्राकृतिक आपदा में घायल होने वाले लोगों को भी तत्काल 108 एंबुलेंस लेकर संबंधित अस्पताल में जाते हैं. इससे सैकड़ों लोगों की जान प्रतिदिन बच जाती थी.
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सरकार से संज्ञान लेने की मांग
सीपीएम नेता गणेश कुमार वर्मा उर्फ सीटू ने कहा कि 108 एंबुलेंस चालकों के दल के हड़ताल पर चले जाने के कारण पूरे झारखंड में स्थिति चिंताजनक हो गई है. यह कोई मामूली एंबुलेंस नहीं है. एक एंबुलेंस में दो इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन और दो पायलट रहते हैं, जो मरीज को ऑक्सीजन और जरूरी साल्ट इंजेक्शन रास्ते में देते रहते हैं. इस विकट स्थिति में सरकार इस पर तत्काल संज्ञान लेकर उनका पांच माह का बकाया वेतन तत्काल भुगतान कर हड़ताल को समाप्त करवाए ताकि 108 एंबुलेंस की सेवा का लाभ आम आदमी को पूर्व की भांति मिलती रहे.