Ranchi : झारखंड में मनरेगा मजदूरों के लिए राहत भरी खबर है. असामयिक मौत या दुर्घटना होने पर सरकार की ओर से अनुग्रह अनुदान (मुआवजा) देने का फैसला लिया गया है. इसके लिये चालू वित्तीय वर्ष 10 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था. मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों के उप विकास आयुक्तों को एक सप्ताह के अंदर ऐसे सभी मृत श्रमिक/दुर्घटना से पीड़ित श्रमिकों को चिह्नित कर सूची विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. साथ ही निर्देश दिया गया है कि किसी प्रकार की घटना होने पर तुरंत स्थानीय जांच में मामला सही पाये जाने पर 24 घंटे के अंदर आश्रित/पीड़ित को राशि उपलब्ध करायी जाय.
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65 वर्ष तक की आयु वाले मजदूरों के लिए भी है खास प्रावधान
मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने सभी जिलों के उप विकास आयुक्तों को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया है कि अधिकतम 65 वर्ष तक की आयु के जिन मजदूरों ने किसी वित्तीय वर्ष में कम-से-कम 15 दिनों तक मनरेगा में काम किया है, उनका उस वित्तीय वर्ष व उसके अगले वित्तीय वर्ष में मृत्यु अथवा दुर्घटना में मृत्यु अथवा अप्राकृतिक मृत्यु (हत्या सहित) अथवा अंग-भंग हो जाने पर उनके सही उत्तराधिकारी/दुर्घटना से पीड़ित श्रमिक को अनुग्रह अनुदान की राशि का भुगतान किए जाने का प्रावधान है. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अनुग्रह अनुदान के लिए राज्य कोष से कुल 10 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है. इस योजना से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की गयी है.
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किसको मिलेगी कितनी राशि
- दुर्घटना में मृत्यु अथवा अप्राकृतिक मृत्यु (हत्या सहित) होने अथवा स्थायी रूप से विकलांग/अंग-भंग हो जाने पर 75,000 रुपये मिलेंगे
- दुर्घटना में आंशिक रूप से विकलांग होने पर 37,500 रुपये मिलेंगे
- सामान्य मृत्यु होने पर 30,000 रुपये.
- मनरेगा योजना अंतर्गत निर्मित डोभा में डूबकर मरने वाले मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान का भुगतान के रूप में 50,000 रुपये.