Ranchi : धनबाद स्थित बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है. सीएम और राज्यपाल वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे. समारोह में 2019-2020 में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं प्रतिष्ठा सामान्य एवं व्यावसायिक परीक्षा, एमबीबीएस, विधि में सफल छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की. राज्यपाल ने कहा है कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उनका प्रयास होगा कि राज्य के अधिक-से-अधिक युवा उच्च शिक्षा ग्रहण करें. वहीं सीएम ने बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति से आग्रह किया कि वे संस्थान में अमीन का कोर्स शुरू करें. सीएम ने राजस्व विभाग की समीक्षा में मिली जानकारी का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में अमीन की पढ़ाई नहीं के बराबर कराई जा रही है.
दीक्षांत समारोह में धनबाद सांसद पीएन सिंह, धनबाद विधायक राज सिन्हा, विधायक पूर्णिमा सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, कुलपति डॉ अंजनी कुमार श्रीवास्तव, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल डॉ. एम.के सिंह, विभिन्न संकायों के एचओडी सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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अब लड़कियां भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही हैं
राज्यपाल ने कहा कि यह हर्ष का विषय हैं कि अब लड़कियां न केवल उच्च शिक्षा ग्रहण करने के प्रति रुचि रख रही हैं, बल्कि अपनी प्रतिभा से वे उत्कृष्टता भी हासिल कर रही हैं. नारी सशक्तिकरण की दृष्टि से भी यह अहम है. उच्च शिक्षा के विस्तारीकरण के लिए आवश्यकतानुसार नये शिक्षण संस्थान भी स्थापित होने चाहिए.
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छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाएं हैं
दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का कोयलांचल क्षेत्र सिर्फ कोयला और लोहा के लिए ही नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाएगा और नई ऊंचाइयों को स्थापित करेगा. झारखंड के वीर शहीदों के सम्मान में शिक्षण संस्थान स्थापित किये जा रहे हैं. ऐसे ही झारखंके उत्थान के लिए समर्पित स्वर्गीय बिनोद बिहारी महतो की याद और उनके सम्मान में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी छात्रों को समर्पित किया गया है. आने वाले दिनों में सभी प्रमंडलों में स्थापित हो रहे यूनिवर्सिटी, कॉलेज और शिक्षण संस्थान झारखंड के बच्चों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए कई योजनाएं हैं, लेकिन संक्रमण के इस कालखंड ने इसे काफी हद तक प्रभावित कर रखा है. संक्रमण की गति धीमे पड़ते ही जीवन को सामान्य बनाकर योजनाओं को गति दी जाएगी. साथ ही, बेहतर शिक्षा की कार्य योजना के लिए सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों के साथ राज्य सरकार जल्द चर्चा करेगी.
हेमंत ने बताया कि राज्य के अनुसूचित जनजाति के छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है, जिसमें छात्रों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. वर्तमान में योजना सीमित दायरा में शुरू किया गया है. छात्रों के रुझान के अनुसार इस योजना का दायरा आने वाले समय में बढ़ाया जाएगा. छात्रों के रहने के लिए छात्रावास बनाए जा रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में जो जर्जर छात्रावास हैं, उन्हें पुनर्जीवित किया जा रहा है. करीब 500 ऐसे छात्रावासों को सुसज्जित करने का कार्य प्रारंभ हुआ है.