Ranchi: झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों में मनपसंद कुर्सी ना छोड़ने की आदत और परंपरा बढ़ रही है. एक ही महीने में यह तीसरा मामला सामने आया है, जब तबादला होने के बावजूद झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अपनी मनपसंद कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं. मामला दुमका जिले के बासुकीनाथ नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी राहुलजी आनंदजी का है. 25 मार्च को ही सरकार की तरफ से कार्मिक विभाग ने एक अधिसूचना जारी की. अधिसूचना में राहुलजी आनंद जी का तबादला सहायक नगर आयुक्त हजारीबाग कर दिया गया. लेकिन गौर करने वाली बात है कि अभी तक वो अपनी कुर्सी पर जमे हैं.
वो अभी भी बासुकीनाथ नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर कायम हैं. इस बात की जानकारी जिला प्रशासन को होने के बावजूद उनपर किसी तरह की कोई कार्रवाई ना होना जिला प्रशासन के रवैये पर भी सवाल उठ रहे हैं. मामले पर राहुलजी आनंदजी से भी पक्ष जानने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने व्यस्त होने का बहाना कर बात करने से मना कर दिया. आखिर ऐसा क्या है, बासुकीनाथ नगर पंचायत के सीईओ के पद में जिस वजह से राहुलजी आनंदजी अपना प्रभार किसी और को देना ही नहीं चाह रहे. ना ही प्रशासन और ना ही कार्मिक की तरफ से इस मामले में कोई कार्रवाई हो रही है.
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लगातार की खबर के बाद दो मामलों पर हो चुकी है कार्रवाई
सात अप्रैल 2021 को कार्मिक विभाग की तरफ से झारखंड प्रशासनिक सेवा के 15 अधिकारियों के तबादले की अधिसूचना जारी की गयी. अधिसूचना में अभिषेक श्रीवास्तव का नाम भी शामिल था. उनका तबादला करते हुए उन्हें जामताड़ा जिला परियोजना निदेशक बनाया गया था. लेकिन वो भू-राजस्व विभाग में ही जमे रहे. विभाग में अभिषेक श्रीवास्तव सीओ और रजिस्ट्रार की स्थापना, आरोप, बजट और विधानसभा का काम देख रहे थे. लगातार में खबर प्रकाशित होने के बाद अभिषेक श्रीवास्तव जामताड़ा गए और अपना पदभार ग्रहण किया. वहीं गिरिडीह जिले के सरिया अंचल की तत्कालीन सीओ सुनिता कुमारी को सीएम ने 25 मार्च को ही निलंबन का आदेश मीडिया को दिया. कार्मिक और भू राजस्व दोनों विभाग मुख्यमंत्री के पास होने के बावजूद सुनिता कुमारी ने लातेहार जिले के हेरहंज जिले में सीओ का पदभार ग्रहण कर लिया. साथ ही उन्हें बीडीओ का भी प्रभार मिला. लगातार में खबर चलने के बाद सरकार की तरफ से एक्शन लिया गया और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया.
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