Ranchi: बंगाल रजिस्ट्री कार्यालय से हुए फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर रांची में जमीन बेचने वाले जमीन दलाल अशोक सिंह को CID ने गिरफ्तार किया है. सीआईडी ने अशोक सिंह को मंगलवार को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि जमीन दलाल अशोक सिंह को गिरफ्तार कर इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. अशोक सिंह के साथ साथ बंगाल के पावर के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल चार लोगों को अब तक CID गिरफ्तार कर चुकी है. जिनमें चंद्रशेखर, अभिषेक और समीर का नाम शामिल हैं.
सुशांत घोष ने पिठोरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई
जिस जमीन की बंगाल के पावर को आधार बना कर खरीद-बिक्री की गई है वह रांची के पिठोरिया इलाके के जमीन जमुआरी मौजा में स्थित है. जिसका खाता नंबर 10,11,33,29 और प्लॉट नंबर138,139,140,142,160,161 और 162 है. जमीन पर खुद का मालिकाना हक बताने वाले सुशांत घोष ने इस सभी लोगों के खिलाफ पिठोरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. पिठोरिया थाना में दर्ज प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए सीआईडी ने जांच शुरू की है.
प्रशांत घोष की जगह फर्जी व्यक्ति का इस्तेमाल कर पावर ऑफ अटॉर्नी ली
प्राथमिकी में कहा गया है कि विमल सिंघानिया ने साजिश के तहत प्रशांत घोष की जगह किसी फर्जी व्यक्ति का इस्तेमाल कर उनकी जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी ले ली. उसके आधार पर प्रशांत घोष की जमीन की खरीद-बिक्री की गयी. रांची में स्थित जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी चौबीस परगना, पश्चिम बंगाल की रजिस्ट्री कार्यालय में 19 अप्रैल 2023 को हुई है. जिसका नंबर 160400155 है.
म्यूटेशन का आवेदन खारिज कर दिया गया
रजिस्ट्री 9 मई 2023 को हुई है. आश्चर्य की बात यह है कि बंगाल में हुए पावर ऑफ अटॉर्नी में पहचान रांची के व्यक्ति ने की है. जमीन की खरीद के बाद उस पर बाउंड्री भी खड़ी कर दी गयी है. म्यूटेशन के लिए आवेदन भी दिया गया था, लेकिन प्रशांत घोष के भाई सुशांत घोष की आपत्ति के बाद म्यूटेशन का आवेदन खारिज कर दिया गया है.
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