Vinit Upadhyay
Ranchi: कभी जिन हाथों ने बंदूक थामे थे. उन हाथों में अब खेती के लिए कुदाल होगी. रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने एक अच्छी शुरुआत करते हुए बाल सुधार गृह में बंद कैदियों के पुनर्वास की योजना तैयार की है.
इस योजना के तहत रांची के डूमरदगा स्थित बाल सुधार गृह में बंद विचाराधीन कैदियों को रोजगार से जोड़े जाने की तैयारी की जा रही है. बहुत जल्द बाल गृह में बंद लगभग एक सौ किशोर विचाराधीन बन्दियों को खेती और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का बेहतरीन प्रयास करने की कोशिश की जा रही है
बाल सुधार गृह से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक वहां बंद विचाराधीन किशोर जब आपस में बातचीत करते हैं. तो उनकी बातचीत में कई बार अपराध से जुड़ी हुई झलक दिखती है. वे बच्चे यह योजना तैयार करते हुए भी देखते हैं कि जेल से निकलने के बाद कौन सा अपराध करने में रिस्क कम है. और शायद यही वजह है कि मजबूरी बस या परिस्थिति बस अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का बेहतरीन प्रयास करने की कोशिश की जा रही है.
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3 महीने की ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा
रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिषेक कुमार के मुताबिक रांची बाल सुधार गृह में लगभग एक सौ से ज्यादा विचाराधीन किशोर अपने जुर्म का सजा काट रहे हैं. हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद जब वह जेल से बाहर निकले तो अपना जीवन यापन कर पाए और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो पाए इसलिए उन्हें हुनरमंद बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है और बहुत जल्द चार दिनों का पर्सनैलिटी डेवलपमेंट एवं कृषि प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. जो विचाराधीन किशोर इसमें दिलचस्पी दिखाएंगे उन्हें 3 महीने की ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा.
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