Pakud- अपने पांच सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को जिले के प्राइवेट स्कूलों के सैकड़ों शिक्षकों एवं कर्मियों ने शांति मार्च निकाला. झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षकों एवं कर्मियों ने रानी ज्योतिर्मयी स्टेडियम से शांति मार्च निकाला. शांति मार्च में जिले के 6 प्रखंडों के शिक्षक शामिल हुए. और शांति मार्च समाहरणालय पहुँचा. एसोसिएशन के रामरंजन सिंह, संरक्षक विनय कुमार सिंह एवं जिला उपाध्यक्ष गाब्रियल मुर्मू के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने डीसी को अपनी मांगों के समर्थन में पत्र सौंपा. शांति मार्च के जरिए प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों ने सरकार से लॉकडाउन अवधि का निजी स्कूलों के भवनों का किराया, बिजली बिल, वाहन टैक्स माफ करने, 8वीं कक्षा के निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों को पंजीयन एवं परीक्षा में शामिल करने, प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों एवं कर्मियों को आर्थिक सहयोग करने, कक्षा 8 से 12 तक विद्यालय खोलने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे.
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झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव रामरंजन सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया और तब से लेकर आज तक प्राइवेट स्कूल बंद है. जिसके चलते बच्चों के भविष्य के साथ ही शिक्षकों-कर्मियों की स्थिति दयनीय हो गयी है. उन्होंने कहा कि शिक्षक एवं निजी विद्यालयों के कर्मियों के समक्ष भुखमरी की स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी विकट स्थिति में सरकार ही हमें मदद कर सकती है. इसलिए शांति मार्च के माध्यम से पांच बिन्दुओं पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया है. ज्ञात हो कि जिले में संचालित निजी विद्यालयों में शिक्षकों सहित कर्मियों की संख्या लगभग छ हजार है. स्कूलों के बंद रहने से बच्चों का पठन पाठन प्रभावित होने के साथ ही शिक्षकों एवं कर्मियों को वेतन के लाले पड़ गए हैं. क्योंकि अभिभावकों से शुल्क उठाना मुश्किल हो गया है. शांति मार्च में पाकुड़ शहरी और ग्रामीण के अलावे हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, अमड़ापाड़ा, महेशपुर एवम पाकुड़िया प्रखंड़ में संचालित निजी विद्यालयों के शिक्षक एवम कर्मियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
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