सतर्कता जागरुकता सप्ताह को लेकर बीएसएफ मेरु में कार्यक्रम
Hazaribagh : हजारीबाग स्थित सीमा सुरक्षा बल मेरु में सोमवार को सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है. सीमा सुरक्षा बल नई दिल्ली के निर्देश पर हजारीबाग के मेरु में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सतर्कता जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय मेरु के महानिरीक्षक केएस बन्याल ने प्रशासनिक भवन में कैंप में उपस्थित समस्त अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों व कार्मिकों को शपथ दिलाकर किया. सतर्कता जागरुकता सप्ताह मनाने का पहला कदम लोगों को भ्रष्टाचार तथा उसके परिणामों के बारे में जागरूक करने की शपथ के साथ हुआ. बल मुख्यालय के दिशा निर्देशों के तहत पूरे देश में सभी सीमा सुरक्षा बल कार्यालयों में इस शपथ का आयोजन किया जाना है. इस वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्ताह का थीम “भ्रष्टाचार को ना कहें, राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्ध रहें” रखा गया है.
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भ्रष्टाचार से उत्पन्न खतरों को बताया गया
पदाधिकारियों ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी राष्ट्र की प्रगति के पथ में पड़ने वाला ऐसा रोड़ा है, जिसके कारण राष्ट्र की उन्नति प्रभावित होती है. सतर्कता जागरुकता सप्ताह का आयोजन आयोग के बहुआयामी दृष्टिकोण का भाग है, जहां एक महत्वपूर्ण कार्यनीति के रूप में सभी हितधारकों को भ्रष्टाचार की रोकथाम और उसके खिलाफ संघर्ष में सामूहिक रूप से सहभागी होने के लिए प्रोत्साहित करना तथा भ्रष्टाचार के वजूद कारणों एवं गंभीरता तथा भ्रष्टाचार से उत्पन्न खतरों के संदर्भ में जन जागरुकता को बढ़ाना है.
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भ्रष्टाचार के खिलाफ जेबीकेएसएस का धरना सात नवंबर को
Vishnugarh : झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) ने हजारीबाग के विष्णुगढ़ में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ शंखनाद कर दिया है. सात नवंबर से इसका आगाज होगा. उस दिन कार्यालय परिसर में एक दिवसीय धरना दिया जाएगा. जेबीकेएसएस के नेता महेंद्र उर्फ माही पटेल ने बताया कि यहां सरकार का कोई भी महकमा भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है, पर अंचल कार्यालय में यह चरम पर है. बगैर बिचौलिए एवं चढ़ावा का यहां कोई काम संभव नहीं है. सरकारी अभिलेख में ऑफिस की गलतियों को सुधारने के लिए भी वसूली की जाती है. दाखिल-खारिज से लेकर ऑनलाइन अभिलेख दर्ज कराने समेत अंचल के हर काम के अलग-अलग रेट निर्धारित हैं. आलम यह है कि चढ़ावा नहीं चढ़ाने के कारण लोगों को भूमि अभिलेख की अभिप्रमाणित कॉपी महीना बीत जाने के बाद भी नहीं मिलती है.