Hazaribagh : हजारीबाग जिला के बरही प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास मृत आत्मा की शांति के लिए उनके परिजनों द्वारा उनकी याद में शिलापट और निशानी बना दिया गया है. आंगनबाड़ी केंद्र में जब नौनिहाल पढ़ाई करने के लिए पहुंचते हैं. वहां उन्हें चारों ओर मृत लोगों का शिलापटों को पार कर पहुंचना पड़ता है.
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प्रशासन ने गलत जगह का किया चयन
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने आंगनबाड़ी के लिए गलत स्थान का चयन कर लिया है. इस स्थान पर दशकों से पूर्वजों को ये स्थान दिया गया है ये हमारी परंपरा है हमारा मानना है यहां हमारे पूर्वज की आत्मा रहती है और हमें उनकी याद रहे इसलिए गांव से हटकर हम एक स्थान को इसके लिए तय कर लेते हैं.
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बच्चों में भय आ सकता है
आखिर प्रशासन से ऐसे जगह का चयन ही आंगनबाड़ी के लिए क्यों किया. यहां छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं. नजदीक में इस विरखोद के रहने से बच्चों में भय भी आ सकता है.
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सेविका भी है खौफजदा
आंगनबाड़ी में सेवा देने वाली सहिया भी बताती है कि हम लोगों को काफी डर लगता है. बच्चे भी अकसर उस शिलापट पर बैठ जाते हैं. ऐसे में कुछ अनहोनी होने का भी डर लगता है. हम लोग गांव के लोग हैं बगल में श्मशान हैं पूरा आंगनबाड़ी केंद्र खुला हुआ है .आने वाले समय में हम लोग यहां पढ़ाई भी शुरू करने आने वाले हैं .ऐसे में भय तो जरूर लगता है. जिला प्रशासन को यहां से आंगनबाड़ी हटाकर कहीं और स्थापित करना चाहिए. जब आंगनबाड़ी केंद्र खुलेगा तो फिर से बच्चे यही पहुंचेंगे.
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सीडीपीओ ने कहा जांच होगी
वही बरही प्रखंड के सीडीपीओ ने कहा उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास मृत आत्मा के नाम के शिलापट लगाए जा रहे हैं. वही बगल में श्मशान है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द इसकी जांच कर करायी जाएगी. ताकि बच्चों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
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क्या है विरखोद, विरखोल या बिरबीरी
मेगालिथ के जानकार शुभाशीष दास बताते हैं कि विरखोद,विरखोल झारखंड के गांव में मृत व्यक्तियों के याद में बनाये गए उस स्थान को कहते हैं. जहां मृत व्यक्ति के परिजन मृतक की याद में पत्थर लकड़ी या सीमेंट के पिलर को गाड़ते हैं अब पिलरों की जगह मृत व्यक्ति के नाम का शिलापट लगा दिया जाता है. आदिवासी संस्कृति में एक बड़ा पत्थर मृतक के याद में गाड़ा जाता है. जिसे बिरबीरी कहते हैं आदिवासियों में इस आयोजन में पूरे बाजे गाजे के साथ लोग जमा होते हैं. और एक बड़ा सा पत्थर नियत स्थान पर गाड़ा जाता है आम बोलचाल में इसे मेगालिथ कहा जाता है.
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