Hazaribagh : बीएसएफ जवान रबिन्द्र कुमार की मौत ड्यूटी के दौरान छत्तीसगढ़ के रायपुर में हो गयी. वह मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के मेरु के रहने वाले थे. जानकारी के अनुसार बीते 16 अगस्त को ड्यूटी के दौरान ह्दय गति रुकने से उनकी मृत्यु हुई. इसकी जानकारी परिजनों को उसी दिन शाम को दे दी गयी थी. जवान का शव बुधवार को पूरे सम्मान के साथ छत्तीसगढ़ से बीएसएफ की गाड़ी से यहां लाया गया. शव तिरंगे में लिपटा था. छत्तीसगढ़ से शव लेकर आये जवानों ने बताया कि रबिन्द्र एंटी नक्सल अभियान से जुड़े थे. घटना के दिन वह सुबह 8 बजे ड्यूटी गए थे. दस बजे के करीब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. उन्हें तत्काल बीएसएफ के अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें रायपुर सिविल अस्पताल ले जाया गया. जहां उनकी मौत हो गयी. जवान का पार्थिव शरीर बुधवार को 12 बजे के करीब उनके निवास स्थान मेरु लाया गया. शव के घर पहुंचते ही वहां कोहराम मच गया. मृतक की मां, पत्नी,बच्चे सहित अन्य परिजनों का बुरा हाल था. मृतक की एक बेटी पायल 14 वर्ष और बेटा राजकुमार 10 वर्ष का है. घर पर लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किये.
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लोगों ने दी श्रद्धांजलि
बीएसएफ के डीसी 167 बटालियन एच एस गौरव, एस केरकेट्टा, बीडीओ गुंजन सिन्हा, अंचलाधिकारी राजेश कुमार,मुफ्फसिल थाना प्रभारी बजरंग महतो ने श्रद्धांजलि दी. फिर शव को बीएसएफ की गाड़ी में रखकर मेरु श्मशान घाट लाया गया. रास्ते मे गाड़ियों के काफिले के साथ भारत माता की जय, वीर जवान अमर रहे, बीएसएफ ज़िंदाबाद के नारे गूंजते रहे. जवान के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था. श्मशान घाट में बीएसएफ के जवानों ने मातमी धुन बजाया और फायरिंग कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. मुखाग्नि उनके 10 वर्षीय बेटे राजकुमार ने दी.