Bismay alankar
Hazaribagh : झारखंड सरकार के हाल के दिनों में कई अंचलाधिकारी और अन्य पदाधिकारियों पर की गई कार्रवाई का भी बहुत असर नहीं देखने को मिल रहा है. पदाधिकारी बेखौफ हैं और इनकी लापरवाही का खामियाजा आम इंसान लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
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अंचलाधिकारी बड़े अधिकारी की बात भी नहीं सुनते
हालात यह है अंचलाधिकारी अपने से ऊपर के बड़े अधिकारी की भी नहीं सुनते और उनके बार-बार जवाब मांगने के बावजूद प्रत्युत्तर नहीं देते.
ताजा मामला चौपारण के सीओ शिवम गुप्ता का है जो पिछले 1 महीने के ऊपर हो जाने के बाद भी एडिशनल कलेक्टर के स्मार पत्र का जवाब नहीं देते. स्मार पत्र में 7 दिन में जवाब देने का उल्लेख है. जिस स्मार पत्र का उल्लेख यहां किया जा रहा है उसमें भी भुक्तभोगी ने यही प्रार्थना किया था कि पिछले कई दशक से उनके नाम से कटने वाली रसीद को किन कारणों से कांटा जाना बंद कर दिया गया है.
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कई आवेदन और पत्र चौपारण सीओ को दिए गए
इस बात को लेकर कई आवेदन और पत्र चौपारण सीओ को दिए गए. लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. बिल्कुल ऐसा ही एक मामला फिर देखने को मिला.
अंचल कार्यालय में एक ऑनलाइन फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आया
डिजिटल इंडिया की शुरुआत होने के बाद अधिकतर काम ऑनलाइन करने की शुरुआत की गई. जो सभी कार्यों में तो नहीं लेकिन कुछ-कुछ कार्यों में लागू हो गया है. वहीं आम लोगों का मानना है कि ऑनलाइन काम में किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं होता है. लेकिन चौपारण प्रखंड के अंचल कार्यालय में एक ऑनलाइन फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आया है.
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दाखिल खारिज को रद्द करने की मांग किया है
इस संबंध में दिलीप कुमार पिता स्व लखन साव, ग्राम ताजपुर ने विधायक सह निवेदन समिति सभापति उमाशंकर अकेला को आवेदन देकर मामला को संज्ञान में लेने का आग्रह किया है. दिलीप कुमार ने बताया कि इस संबंध में सीओ नितिन शिवम गुप्ता को भी आवेदन देकर दोबारा हुए दाखिल खारिज को रद्द करने की मांग किया है.
क्या है मामला
दिलीप कुमार ने बताया कि मैं सदाब अख्तर पिता मो यासीन, ग्राम चौपारण से खाता संख्या 87, प्लॉट संख्या 1127, रकबा 6 डिसमिल जमीन खरीदारी किया हूं. जिसका दाखिल खारिज भी मेरे नाम से हो चुका है. जिसका केस नम्बर 61/2018-19 है. ऑनलाइन रसीद भी कट रहा है. उक्त जमीन पर मेरा दखल कब्जा है. उसमें मेरा एक कमरा भी बना हुआ है. लेकिन उसी जमीन को गलत तरीके से दोबारा रंजीत बर्णवाल पिता स्व बजरंगी लाल के नाम से दाखिल खारिज कर दिया गया है. जिसका केस नम्बर 518/2020-21 है.
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क्या कहते हैं सीओ
इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ नितिन शिवम गुप्ता ने कहा कि दिलीप कुमार के द्वारा शिकायत की गई है. उनके द्वारा दिए गए आवेदन का अवलोकन किया गया है. उस पर जांच की जा रही है. जांचोपरांत आगे की कार्रवाई की जाएगी.
सवाल यही है कि जब अंचलाधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों के भी निर्देश को नहीं मानते हैं और उनके द्वारा मांगे गए स्मार पत्र उत्तर का जवाब नहीं देते तो ऐसे में आम आदमी की परेशानियों का कितना हल होता होगा. इसका अंदाजा स्वतः लगाया जा सकता है. चौपारण में इनके कार्यकाल में ऐसे शिकायतों का अंबार लगा है. सूत्र बताते हैं कि जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है ताकि भुक्तभोगी से कुछ दोहन हो सके.
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