हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास
Hazaribagh: हत्या के मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषी को सजा सुना दी. सजा पाने वाले में चौपारण थाना क्षेत्र अंतर्गत धनवा निवासी दशरथ यादव के पुत्र जगदीश यादव का नाम शामिल है. कोर्ट ने उसे भादवि की धारा 302/34 के तहत आजीवन कारावास और 10 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. वहीं कोर्ट ने भादवि की धारा 120/34 के तहत 10 वर्ष का कारावास एवं 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना की राशि अदा की नहीं करने पर उसे दो माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा.
यह मामला मृतक संजय कुमार गुप्ता के पिता सूचक इटखोरी निवासी दामोदर साव के फर्द बयान के आधार पर चौपारण थाना में कांड संख्या 96/09 दर्ज किया गया था. अपने बयान में सूचक ने बताया था कि 17 सितंबर 2009 को उसे मोबाइल पर सूचना मिली कि उसके बेटे की हत्या कर दी गई है. सूचना पाकर वह दनुआ होटल पहुंचे. वहां उसने पाया कि उसके बेटे की हत्या तेज धारदार हथियार से कर दी गई है और उसका शव वहीं पड़ा हुआ है. घटना स्थल पर पुलिस भी मौजूद थी. आगे सूचक ने बताया कि 15 दिन पूर्व स्थानीय लोगों ने होटल से सोलर लाइट, बैट्री, मोबाइल और नकद की चोरी कर ली थी. सभी ने धमकी दी थी कि हो-हल्ला करने पर वे सभी को जान से मार देंगे. साथ में सभी ने यह भी कहा था कि अगली बार जब वे आएंगे तो 25 हजार रुपये लेकर ही जाएंगे. इसके बाद सूचक ने संदेह के आधार पर चार लोगों गोविंद यादव, जगदीश यादव, नरेश सिंह और संजय भुइयां का नाम दर्ज कराया था. बाद में पुलिस ने अनुसंधान के दौरान अभियुक्तों की गिरफ्तारी की थी और इस मामले का खुलासा किया था.
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक भारत राम ने नौ गवाहों का बयान कोर्ट के समक्ष दर्ज कराया. वहीं आधा दर्जन प्रदर्श भी कोर्ट के समक्ष अंकित कराए. इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से पैरवी अधिवक्ता अमर कुमार मिश्रा कर रहे थे. बाद में कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलों और बहस को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया.
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मासिक लोक अदालत में निबटाए गए 65 मामले
Hazaribagh: मासिक लोक अदालत का आयोजन शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में किया गया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्य प्रकाश सिन्हा की देखरेख और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले आयोजित इस लोक अदालत में कुल 65 मामलों का निष्पादन पक्षकारों की आपसी सहमति के आधार पर किया गया. इस लोक अदालत में कुल 67 लाख 12 हजार 528 रुपये पर पक्षकारों के बीच सहमति बनी. इस लोक अदालत में सबसे अधिक बैंक रिकवरी के 38 मामलों का निष्पादन किया गया. इसमें कुल आठ लाख 96 हजार 600 रुपए पर सहमति बनी. वहीं सुलहनीय आपराधिक 17 मामलों के निष्पादन में तीन लाख 55 हजार 500 रुपये पर सहमति बनी. बिजली के सात मामलों का निष्पादन किया गया. इसमें 44 हजार रुपये की प्राप्ति सरकार को हुई. इस लोक अदालत में मोटर वाहन दुर्घटना अधिनियम के तहत तीन मामलों का निपटारा किया गया. इसमें दावाकर्ताओं को 54 लाख 16 हजार 428 रुपए प्राप्त हुए.
यह जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौरव खुराना ने बताया कि लोक अदालत के अतिरिक्त वर्तमान में 100 दिनों का विधिक जागरूकता शिविर अभियान भी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले चलाया जा रहा है. जो जिले के सभी प्रखंडों में नियत तिथि को अलग-अलग गांवों में जाकर विधिक जानकारियां लोगों को उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने इसका लाभ उठाने की लोगों से अपील की.