- लाइसेंसी दुकानों में प्रति बोतल 10 रुपये अधिक वसूली
- पूर्व में कार्रवाई के बाद एमआरपी पर होने लगी थी बिक्री
- ज्यादा कीमत वसूलने पर होगी कार्रवाई : उत्पाद आयुक्त
Hazaribagh : शहर में एक बार फिर से लाइसेंसी शराब दुकानों में निर्धारित दर से ज्यादा कीमत पर शराब बेची जा रही है. इसे लेकर शराब के शौकीन परेशान हैं और उत्पाद विभाग पर कई सवाल उठा रहे हैं. यहां तीन महीने पहले भी सरकार द्वारा निर्धारित दर से ज्यादा कीमत पर शराब की बिक्री की जा रही थी. खरीदारों से प्रति बोतल एमआरपी से 10 रुपये ज्यादा वसूले जा रहे थे.
अखबार में संबंधित खबर छपने पर झारखंड सरकार द्वारा कार्रवाई करते हुए हजारीबाग के तत्कालीन सहायक उत्पाद आयुक्त अरविंद कुजूर को सस्पेंड कर दिया गया था. इसके बाद शराब बिक्री में ज्यादा कीमत वसूलने पर रोक लगी थी. लेकिन, एक बार फिर से इन दिनों शहर में शराब विक्रेता द्वारा एमआरपी से सभी ब्रांड में 10 रुपये ज्यादा वसूलने का धंधा शुरु कर दिया गया है. मय के शौकीनों का कहना है कि सरकार के निर्धारित रेट से आखिर दुकानदार ज्यादा कीमत क्यों लेते हैं. कहीं उन्हें किसी और को नजराना देना पड़ता है या फिर सरकार शराब पर कम कमीशन दे रही है. कहीं ऐसा तो नहीं, शराब दुकान के संचालक अपनी मनमानी करते हुए ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं. इस गोरखधंधे में अनुमानित तौर पर जिले भर से एक माह में 15 लाख रुपये की अवैध वसूली हो रही है.
लोगों ने कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन उत्पाद विभाग ऐसे दुकानदारों को चिन्हित कर कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है. इस संबंध में फोटो नहीं छापने की शर्त पर शिवपुरी निवासी रामकृष्ण और कटकमसांडी के रहने वाले राजेंद्र कुमार ने बताया कि ज्यादा पैसे लेने को लेकर आए दिन शराब दुकानदारों के साथ ग्राहकों की बहस होती है. सभी ब्रांड में ज्यादा कीमत लिए जाते हैं और रसीद मांगे जाने पर एमआरपी का रसीद देते हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि शराब बिक्री में किस तरह यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है.
अधिकारी का हवाला देते हैं शराब दुकानदार
तीन महीने पहले इसी तरह की शिकायत पर जब झारखंड सरकार के अपर सचिव ने कार्रवाई की थी, तो लाइसेंसी शराब दुकानों में एमआरपी पर शराब की बिक्री की जाने लगी थी. लेकिन, फिर से वही पुराना रवैया शराब दुकानदार अपना रहे हैं और उत्पाद विभाग चुप्पी साधे हुए है. इस संबंध में पबरा निवासी शिवनारायण ने बताया कि कई बार विरोध किया, लेकिन शराब दुकानदार अधिकारी का हवाला देते हैं. वह कहते हैं कि विभाग को भी पैसे देने होते हैं. यहां तक कि मुनाफे की आधी रकम अधिकारियों की सेवा में चली जाती है. ऐसे में अगर एमआरपी से 10 रुपये ज्यादा नहीं लेंगे, तो हमारा परिवार कैसे चलेगा.
खबर प्रकाशन के बाद अधिक कीमत वसूलने पर लगी थी रोक
गौरतलब हो कि हजारीबाग में शराब बिक्री को लेकर 3% के कमीशन का खेल चलने की खबर बीते सितंबर माह में ‘शुभम संदेश’ में प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी. इसकी जानकारी पदाधिकारी से लेकर दुकानदार तक को थी कि तीन प्रतिशत कमीशन कहां जा रहा था. लेकिन इस विषय पर कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं था. खरीदार भी अधिक कीमत पर शराब खरीद रहे थे. दुकानों पर मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो जा रही थी. यह स्थिति पूरे जिले भर में थी. जो भी सेल्समेन तीन प्रतिशत नहीं देना चाहता था, उसे नौकरी से हटाने की बात भी कही जाती थी. ऐसे में सेल्समैन जबरन अधिक कीमत पर शराब बेच रहे थे. वहीं, जिले में शराब के गोरखधंधे में कमीशनखोरी की खबर छपते ही 12 घंटे के अंदर इस मामले पर विराम लग गया था और एमआरपी पर शराब की बिक्री होने लगी थी. लेकिन, एक बार फिर ज्यादा कीमत वसूलने का गोरखधंधा शुरु हो गया है.
क्या कहते हैं उत्पाद आयुक्त सुनील कुमार चौधरी
उत्पाद आयुक्त सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि सभी दुकानदारों को एमआरपी पर ही शराब बिक्री करनी है. अगर वह 10 बढ़ा कर ले रहे हैं, तो इसकी जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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