- सहदेव स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय में पिछले 6 सालों से रह रहा है
- दारू प्रखंड के जमुवा में है सहदेव राम का घर
- शौचालय में ही उसका रसोई घर भी बना है
- एक चादर बिछा कर वह वहीं पर सोता है
- पहले मिट्टी का घर था जो बाद में गिर गया
Suman Sinha
Daru (Hazaribagh) : गरीबी मजबूरी और लाचारी क्या होती है अगर जानना है तो सहदेव राम से पूछिए जो आवास के अभाव में अपना सिर शौचालय में छुपा रहा है. सुनने में तो अजीब जरूर लग रहा है लेकिन यह सच्चाई है. दरअसल हजारीबाग जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर दारू प्रखंड के मेडकुरी पंचायत के जमुवा में सहदेव राम स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालय में पिछले 6 सालों से रह रहा है. सिस्टम को इस बात का जानकारी भी नहीं. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को हजारीबाग जिले में सरकार नहीं किया जा रहा है. ना ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अबुआ आवास योजना बनाया है. उसका भी लाभ नहीं मिल रहा है. एक ओर इन दिनों आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है. ताकि कोई भी वैसा लाभुक नहीं छूटे जो योजना का हकदार है.
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार विकसित भारत संकल्प यात्रा निकली हुई है. जिसमें केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है. लेकिन यह सिस्टम की ही बेरुखी है कि सहदेव राम शौचालय में रहने को विवश है. शौचालय में ही उसका रसोई घर भी है साथ ही एक चादर बिछा कर वह यहीं पर अपनी रातें भी गुजारता है. किस्मत, गरीबी और बेबसी का मारा जमुवा निवासी सहदेव राम पिता स्वर्गीय दहन राम अपनी किस्मत को कोसते हुए अपनी बेबसी बताते हैं कि उसका मिट्टी का घर था. जिसमें अपनी बीबी बच्चों के साथ वह मेहनत मजदूरी करके हंसी ख़ुशी रह रहा था. पर मिट्टी का घर जर्जर होने के बाद गिर गया. जिस कारण उसके परिवार को रहने में परेशानी होने लगी. यहां रहने का कोइ और साधन नहीं होने के कारण उसकी पत्नी एवं बच्चों को लेकर अपने मैके ढाढा देवकुली इचाक चली गई. तब से वह इसी शौचालय में रह रहा है.
कहा कि आवास के लिए दारू प्रखंड मुख्यालय के दर्जनों चक्कर लगाए. मुखिया से मिला, ग्रामीणों से मदद मांगा पर उसे मदद नहीं मिला. बीवी बच्चों से दूर होकर उसे बहुत ही अकेलापन महसूस होता है. पर घर नहीं रहने के कारण अब अपनी बीवी बच्चों से दूर है. यदि उसे आवास मिल जाएगा तो उसके बीवी बच्चे उसके पास वापस आ जाएंगे. पूर्व मुखिया कामेश्वर प्रसाद ने प्रधानमंत्री आवास दिलाने का वादा किया था पर उसका कार्यकाल खत्म हो गया. लेकिन उसे आवास नहीं मिला. वर्तमान मुखिया भोला तुरी ने कहा है कि उनके कार्य में ऐसा नहीं हुआ है. उसका आवास स्वीकृत हो गया है. उसे जल्द से जल्द मिल जायेगा. सहदेव राम शौचालय में अपना स्वयं कमरा और रसोई घर बनाए हुए है. जिसमें टीन का एक टूटा फूटा दरवाजा लगा हुआ है. जिसमें चारों तरफ से हवा आती है. इस ठंड में उसकी रातें कैसे गुजरती है यह वही जानता है.
बहुत जल्द उसे आवास दिया जाएगाः बीडीओ
बीडीओ मनीष कुमार ने बताया कि इस मामले की जानकारी उन्हें मिली है. वह कुछ माह पहले ही दारू में बीडीओ का प्रभार संभाले हैं. इस बारे में वह जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. वरीय अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा भी किए हैं. बहुत जल्द उसे आवास दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि वह बाहर का रहने वाला है. वर्तमान में दारू प्रखंड के मेडकुरी पंचायत के जमुवा में रह रहा है. इस कारण उसका नाम लिस्ट में नहीं आ पाया है. उसे हर संभव मदद कर आवास की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए प्रयास भी किया जा रहा है.