Hazaribagh : हज़ारीबाग के टाटीझरिया प्रखंड के झारपो में कौलेश्वर मिश्रा जी के घर एक जोगी के भेष में एक व्यक्ति आया और जब उसने कहा कि वह उनका 17 साल पहले घर से रूठ कर चला गया बेटा सुबोध पांडेय है और अब भिक्षा लेने आया है तो लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि यही उनका खोया बेटा है. अपने निर्गुण धुन में बचपन की कथा को जब उसने सारंगी पर बजाया तो सबको उसपर विश्वास हो गया की यही सुबोध है.
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योगी शफीक की खूब हुई आवभगत
17 साल बाद बेटे के वापस आ जाने की खुशी में सुबोध की मां ने उसकी खूब आवभगत की. योगी बने इस युवक ने बताया कि वह 17 साल पहले अपने पिता से किसी बात पर गुस्सा होकर घर छोड़ चला गया था और बाद में एक संन्यासी के साथ रहने लगा और वही उसने दीक्षा ली. जैसी परंपरा रही है कि सन्यासी को अंतिम भिक्षा अपने घर से लेनी होती है तभी वह सिद्ध होता है इसी वजह से वह घर वापस लौटा है ताकि वह अपने घर से भिक्षा ले सके और सिद्ध हो सके. मां को अपना बेटा सन्यासी रूप में नागवार गुजरा और उसने भिक्षा नहीं दी.
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कई बार शफीक ने परिवार वालों से लिये पैसे
कई दिनों तक घर में रहने के बाद मां से कुछ पैसे ले अपने छोटे भाई से पैसे ले वह व्यक्ति पुनः गायब हो गया. घरवालों ने सोचा कि वह योगियों की टोली में जा मिला है. लेकिन धीरे-धीरे मामले सामने आने लगे. योगी ने बाद में परिवार के अन्य लोगों से संपर्क साधना शुरू कर दिया था और उनसे यज्ञ और भंडारे के नाम पर पैसे ठगने लगा था. वह सबको यही कहता कि घर में नहीं बताना कि मैं आया था क्योंकि उसे डर था ऐसा करने से उसका भांडा फूट सकता है. धीरे-धीरे परिजनों को इसकी भनक लगी और उन्होंने अपने सभी रिश्तेदारों को ये बात दी. इस बार अगर वह व्यक्ति इन से पैसे मांगने आता है तो वह इसे पकड़ कर टाटीझरिया ले आये. कल रात यही हुआ सिमरिया के एक रिश्तेदार के घर जैसे ही योगी आया और पैसे की मांग की तो लोगों ने उसे धर दबोचा और पकड़ कर टाटीझरिया ले आये. कड़ाई से पूछे जाने पर इसमें अपना नाम शफीक बताया और लोगों से लिए हुए पैसे को वापस कर देने की बात करने लगा इस तरह योगी के भेष में शफीक की हकीकत सबके सामने उजागर हुई.
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पुलिस के हवाले किया गया ठग
गांव वालों ने जब पूछा की सुबोध के बारे में जानकारी कैसे हुई तो उसने बताया कि सुबोध के एक रिश्तेदार से इस गुमसुदगी की थोड़ी जानकारी मिली थी. उसी कहानी को जान वो सुबोध के घर आया और खुद को सुबोध बता दिया ताकि कुछ पैसे मिल सके. लोगों ने जमकर उसकी पिटाई की. उसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया.
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