Amit singh
Ranchi: लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिये कितने हैंड पम्प होने चाहिये. तमाम रिसर्च के बाद भारत सरकार ने यह तय किया है कि प्रत्येक 150 लोगों की आबादी पर एक हैंड पम्प होने चाहिये.
इसे भी पढ़ें- भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, दिसंबर में जीएसटी कलेक्शन एक लाख, 15 हजार करोड़ पार
झारखंड में हैंड पम्पों की कितनी जरुरत ?
अब झारखंड में हैंड पम्प की स्थिति को समझिये. झारखंड की आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 3.19 करोड़ थी. आज करीब 3.50 करोड़ होने का अनुमान है. इस तरह झारखंड के तमाम लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिये 2,33,333 हैंड पम्प होने चाहिये.
इसे भी पढ़ें- राम चरण के बाद अभिनेता वरुण तेज कोरोना भी हुए कोरोना संक्रमित
झारखंड में हैंड पम्पों की वर्तमान स्थिति
लेकिन आज की तारीख में झारखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 4,04,703 हैंड पम्प हैं. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कागजात कहते हैं कि झारखंड में करीब 10,000 चापानल खराब है. मतलब 3,94,703 हैंड पम्प सही स्थिति में. इस आंकड़े में निजी तौर पर या दूसरे विभागों द्वारा लगाये गये हैंड पम्प शामिल नहीं हैं.
एनआरडीडब्ल्यू (National Rural Drinking Water) के मुताबिक झारखंड में पेयजल के कुल 5,17,044 हैंड पम्प हैं. इसमें निजी स्तर पर कराये गये बोरिंग और दूसरे विभागों द्वारा कराये गये बोरिंग भी शामिल हैं.
राष्ट्रीय औसत के मुताबिक अगर झारखंड में हैंड पम्प की उपलब्धता को देखें, तो यहां पहले से ही 1,61,370 हैंड पम्प अधिक है. तरह झारखंड में 89 लोगों पर एक हैंड पम्प है. यह राष्ट्रीय औसत से दोगुना है.
इसे भी पढ़ें- रिलायंस इंफ्रा ने 3600 करोड़ में दिल्ली-आगरा रोड़ का टोल बेचा, कर्ज में आयी 20 फीसदी की कमी
हैंड पम्प को लेकर सरकार की योजना
ताजा जानकारी यह है कि झारखंड पेयजल एवं स्वच्छता विभाग राज्य के सभी 4,402 पंचायतों में पांच-पांच हैंड पम्प लगाने जा रही है. विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर इसकी जानकारी सार्वजनिक की. साथ ही सरकार ने 4,402 पंचायतों में कुल 22,010 हैंड पम्प लगाने की योजना को स्वीकृति दे दी है.
इसे भी पढ़ें- सियाचिन के हीरो कर्नल नरेंद्र कुमार का निधन, पीएम मोदी और सेना ने श्रदांजलि दी
सरकार की योजना पर उठ रहे सवाल
राज्य भर में 22,010 हैंड पम्प लगाने पर 611 करोड़, 87 लाख, 80 हजार रुपये खर्च होंगे. एक हैंड पम्प लगाने पर 2.78 लाख रुपये खर्च होंगे. यह खर्च तब होंगे, जब पहले से राष्ट्रीय औसत से दोगुना चापानल उपलब्ध है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि जब पहले से झारखंड में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा हैंड पम्प उपलब्ध हैं, तो और हैंड पम्प लगाने की जरुरत क्यों पड़ गई.
इसे भी पढ़ें- सुनीत शर्मा बनाये गये रेलवे बोर्ड के नये CEO और Director
पेयजल विभाग के हैंड पम्पों की संख्या
प्रमंडल संख्या
रांची ईस्ट 13,244
रांची वेस्ट 16,063
खूंटी 9,824
गुमला 15,919
सिमडेगा 11,896
लोहरदगा 6,159
चक्रधरपुर 9,543
चाईबासा 13,250
सरायकेला 15,177
जमशेदपुर 16,764
आदित्यपुर 5,953
लातेहार 12,097
दुमका-1 6,381
दुमका-2 16,221
साहिबगंज 14,555
जामताड़ा 13,947
पाकुड़ 12,064
मेदिनीनगर 22,033
गढ़वा 16,100
हजारीबाग 20,261
झुमरी तिलैया 8,355
रामगढ़ 9,065
चतरा 16,354
धनबाद-1 7,327
धनबाद-2 11,744
गिरिडीह-1 10,817
गिरिडीह-2 15,814
चास 11,105
तेनुघाट 8,073
गोड्डा 18,775
देवघर 10,540
मधुपुर 9,283
कुल 4,04,703
इसे भी पढ़ें- चुनावी बॉन्ड योजना के 15वें चरण पर मोदी सरकार की मुहर, एक से 10 जनवरी तक खरीदे जा सकेंगे बॉन्ड