- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 23वीं झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की वर्चुअल बैठक संपन्न
- बैठक में परिषद के उपाध्यक्ष चंपई सोरेन के साथ सदस्य व मनोनीत सदस्यगण शामिल हुए
Ranchi: जनजाति सलाहकार परिषद (TAC) की पहली बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड को अग्रणी राज्य की श्रेणी में खड़ा करने और नयी पहचान दिलाने के लिए आदिवासियों की भूमिका तय करनी होगी. ऐसे में जनजातीय समुदाय के लिए बेहतर कार्य योजना तैयार करने में काउंसिल मददगार साबित होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड के 27% आदिवासियों के लिए विशेष चिंतन मंथन करने की जरूरत है, उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक पहलुओं को सुदृढ करना होगा.
आदिवासियों को राज्य का सर्वांगीण विकास का हिस्सा बनाने के लिए कई मानकों को तय करना है. सभी सदस्यों का सुझाव इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. हमें मिलकर योजनाबद्ध तरीके से विकास की मुख्यधारा से आदिवासी समुदाय को जोड़ना है.
सीएम ने कहा कि TAC को पुनः सक्रिय करने के निमित्त आज वर्चुअल प्लेटफार्म पर बैठक का आयोजन किया गया है. अगली बैठक में सभी सदस्यों की सहमति से कार्य योजना पर कार्य होगा. राज्य को दिशा देने की कार्य योजना झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल के माध्यम से करेंगे. सरकार गठन के बाद TAC की यह पहली बैठक है. राज्य में TAC की नियमावली 20 वर्ष में नहीं बनी थी. वर्तमान सरकार ने नियमावली बनाई और विधिवत रूप से सभी सदस्यों का मनोनयन किया.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की जरूरत है. बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है. आदिवासियों के अस्तित्व में उनकी जमीन अहम है. बदलते समय के अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता है. आदिवासियों की जनसंख्या में आ रही कमी को रोकना होगा. इसके लिए ठोस उपाय की आवश्यकता है. आदिवासियों के हित में लंबित मुद्दों का निबटारा जल्द से जल्द करने को प्राथमिकता देनी.
उपाध्यक्ष चम्पई सोरेन ने कहा कि हमें विभिन्न कानूनों के माध्यम से आदिवासियों को लाभ पहुंचाना होगा. सभी सदस्यों के सुझाव के अनुरूप अगली बैठक होगी. परिषद के मूल उद्देश्यों को धरातल में उतारेंगे. झारखंड और आदिवासी हित में कार्य होगा. राज्य निर्माण के 20 साल हो चुके हैं.
आदिवासी उत्थान, आदिवासियों की आर्थिक व्यवस्था, जनसंख्या की कमी का समाधान नहीं हुआ है. अब TAC के अंतर्गत सभी सुझाव प्राप्त कर प्रदेश में निवास करने वाले आदिवासियों के हित में कार्य करने का प्रयास किया जायेगा.
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बैठक में सदस्य स्टीफन मरांडी, बंधु तिर्की, सीता सोरेन, दीपक बिरुवा, चमरा लिंडा, भूषण तिर्की, सुखराम उरांव, दशरथ गागराई, विकास कुमार मुंडा, नमन बिक्सल कोंगाडी, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकु एवं मनोनीत सदस्य विश्वनाथ सिंह सरदार और जमाल मुंडा ने अपनी बातों को बैठक के दौरान रखा. इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, परिषद के सदस्य सचिव अमिताभ कौशल उपस्थित थे.