Ranchi : राज्य के युवाओं को उच्च शिक्षा मिल सके, इसके लिए हेमंत सोरेन सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरू करने का उद्देश्य था कि झारखंड के एसटी बच्चे उच्च स्तर की शिक्षा ले पाएं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि सरकार हर वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में हर संभव मदद पहुंचाएगी. इसी कड़ी में राज्य सरकार अब बंगाल की तर्ज पर स्टूडेंड क्रेडिट कार्ड योजना लाने जा रही है.
सूत्रों की मानें, तो सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम योजना की घोषणा करेंगे. योजना के तहत सरकार स्टूडेंट को लोन दिलाने में मदद करेगी. संभवतः सरकार एक छात्र को क्रेडिट कार्ड की मदद से उच्च अध्ययन के लिए 10 लाख रुपये तक की सॉफ्ट लोन देने की योजना बना रही है.
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लोन के लिए स्थानीयता की नीति सबसे प्रमुख
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए स्टूडेंट को कई अर्हताओं का पालन करना होगा. इसमें झारखंड की स्थानीयता नीति का पालन करना जरूरी होगा. यानी योजना का लाभ केवल झारखंडियों को मिल पाएगा. योजना के लिए स्टूडेंट की आयु सीमा भी निर्धारित होगी, वहीं, लिये गये सॉफ्ट लोन को चुकाने के लिए स्टूडेंट को एक अवधि होगी, जो संभवत: 15 सालों की हो सकती है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा, जो राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं. इसमें IAS, IPS, IIT, IIM की तैयारी शामिल है.
एजुकेशन लोन मिलने में स्टूडेंट को होती है परेशानी
बता दें कि आज के समय में जब मंहगाई लगातार बढ़ रही है, तो वैसे में स्टूडेंट को उच्च शिक्षा पाना आसान नहीं गया है. ऐसे में स्टूडेंट एजुकेशन लोन लेकर वे अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं. बैंकों से मिलने वाले एजुकेशन लोन में कई तरह के नियमों का पालन करना होता है. ऐसे ही नियमों को शिथिल बनाने और स्टूडेंट को सॉफ्ट लोन मिल सके, इसके लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लायी जानी है.
टीएससी उपसमिति जनजातीय राज्यों का करेगी अध्ययन
राज्य के जनजातीय समुदाय के बच्चों को भी एडुकेशन लोन मिल सके, इसके लिए जनजातीय सलाहकार परिषद की उपसमिति झारखंड से सटे जनजातीय बहुल राज्यों का दौरा करेगी. इन राज्यों में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा शामिल हैं. उपसमिति देखेगी कि संबंधित राज्यों में अनुसूचित जनजाति बच्चों को लोन किस तरह मिलता है. बता दें कि उपसमिति ने भी माना है कि सीएनटी और एसपीटी एक्ट में एसटी जमीनों की खरीद बिक्री पर रोक होने के कारण झारखंड राज्य के अनुसूचित जनजातियों को शिक्षा ऋण लेने में आ रही कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
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