Ranchi : छत्तीसगढ़ में शुरू हुए तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव 2021 के उदघाटन समारोह में गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ महोत्सव में शामिल हो हेमंत सोरेन ने कहा है कि इससे जनजाति वर्ग को ऊर्जा मिलेगी और वे अपनी सभ्यता एवं संस्कृति को अक्षुण्ण रख सकेंगे. उन्होंने कहा कि वे भी एक आदिवासी समाज से आते हैं. किस तरह से इस जगह पर पहुंचा हूं, यह उनके लिए एक चुनौती से कम नहीं है. “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं अगर मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं भी रहता तो अवश्य इस कार्यक्रम में आता”.
1000 से ज्यादा कलाकार महोत्सव में प्रस्तुतियां पेश करेंगे
इस महोत्सव में 7 देश, भारत के 27 राज्य एवं 6 केंद्र शासित प्रदेश के 1000 से ज्यादा कलाकार इस महोत्सव में अपनी प्रस्तुतियां को पेश करेंगे. इसमें आदिवासी संस्कृति की झलक, विवाह संस्कार एवं पारम्परिक रीति रिवाज को आदिवासी समुदाय को लोग प्रदर्शित करेंगे. इसमें युगांडा, नाइजीरिया, उज्बेकिस्तान, स्वाजीलैंड मालदीव, श्रीलंका, फिलिस्तीन समेत अन्य देश की आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्रिगण, राज्यसभा सदस्य बीके हरिप्रसाद, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन और अन्य उपस्थित थे.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह सिर्फ नृत्य महोत्सव नहीं, बल्कि ऐसे वर्गों के लिए सम्मान है जो शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े रहें हैं. यह पूरे देश और विदेश के लिए संदेश है कि अगर हम चाहें तो यह वर्ग हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा, आदिवासी नृत्य महोत्सव 2019 से शुरू किया गया है. यह पूरे देश में अपने आप में अलग कार्यक्रम है, जहां आदिवासी समाज की परंपरा और संस्कृति से रूबरू होने का अवसर प्राप्त होता है.
वंचित, पिछड़ों, गरीबों के उत्थान की दिशा में कार्य होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के आसपास रहता है. उनके खेत, खलिहान, पशु और वनोपज ही इनका धन है. छत्तीसगढ़ शासन वनोपज में एमएसपी देकर ऐसे समुदाय को मदद कर रही है, जो सराहनीय है. उनका मानना है कि गांव समृद्ध होगा, तभी देश और राज्य का विकास हो सकता है. ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढ़ाने और देश के वंचित, पिछड़ों, गरीबों के उत्थान की दिशा में कार्य होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की आदिवासी समुदाय की बच्चियां खेल के क्षेत्र में अपना जौहर दिखा रही हैं. हॉकी की राष्ट्रीय टीम में झारखंड की सात बच्चियां शामिल हुईं. राज्य सरकार झारखंड में खेल की संभावनाओं को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर रही है. सरकार ने जनजातीय समाज के होनहार और प्रतिभाशाली बच्चों को सौ प्रतिशत अनुदान पर यूके भेजकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्रदान किया है. छह बच्चों को चयनित कर हम उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने में सफल रहे हैं. इस महोत्सव में विवाह संस्कार, पारंपरिक त्योहार, अनुष्ठान, फसल कटाई, कृषि एवं अन्य पारंपरिक विधाओं पर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा. प्रतियोगिता में झारखंड की ओर से विवाह संस्कार की विधा के तहत कड़सा, फसल कटाई के तहत उरांव और छऊ नृत्य की प्रस्तुति आदिवासी समुदाय के कलाकार करेंगे.