Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने झारक्राफ्ट के कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से यह पूछा है कि क्या कोई सरकारी उपक्रम सिर्फ संविदा कर्मियों पर चल सकता है. अदालत ने इस बिंदु पर सरकार और झारक्राफट से जवाब मांगा है. इस मामले के याचिकाकर्ता प्रकाश रंजन, अंजनी सहाय एवं अन्य के अधिवक्ता अभय मिश्रा के मुताबिक, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले सभी कर्मचारियों को झारक्राफ्ट ने नियुक्त किया था. कुछ वर्षों तक कार्य लेने के बाद झारक्राफ्ट ने यह निर्देश जारी कर दिया कि सभी कर्मचारी कॉन्ट्रेक्ट पर ही नियुक्त होंगे. उन्हें नियमित यानी स्थायी नहीं किया जाएगा.
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नियुक्ति के लिए झारक्राफ्ट ने निकाला था विज्ञापन
जबकि नियुक्ति का विज्ञापन भी झारक्राफ्ट ने ही जारी किया था. झारक्राफ्ट के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अभय मिश्रा ने अदालत में दलील दी कि झारक्राफ्ट में सभी पद सेंक्शन हैं, इसलिए वहां स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए न कि कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट में हुई.
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