Ranchi: राजधानी रांची के विभिन्न जलाशयों और तालाबों के अतिक्रमण से संबंधित मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि इस वर्ष अब तक काफी कम वर्षा हुई है, ऐसे में रांची के लोगों को पेयजल की समस्या ना हो इसके लिए क्या एक्शन प्लान तैयार किया गया है. इसके साथ ही अदालत ने रांची नगर निगम को शहर के जल स्रोतों बड़ा तालाब, कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम और हिनू नदी के आसपास से अतिक्रमण हटाने एवं इन जल स्रोतों में कचरा जाने से रोकने के लिए किये गए उपायों के संबंध में जवाब मांगा है.
इस मामले के लिए हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि इस वर्ष अबतक रांची में 27 प्रतिशत कम वर्षा हुई है,जिससे वर्ष दिसंबर के बाद ही रांची में पेयजल की समस्या होने सकती है. ऐसे में इस समस्या को कैसे दूर किया जाएगा, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई हुई. जिसके बाद कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 31 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई है.
बता दें कि रांची के बड़ा तालाब और जिला के आसपास के जलस्रोतों को संरक्षित करने व इसमें हो रहे अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. खुशबू कटारुका के द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि बड़ा तालाब, कांके डैम और धुर्वा डैम की सैकड़ों एकड़ जमीन अतिक्रमणकारियों के द्वारा हड़प ली गई है. वहां मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है. जिसका काफी बुरा असर जलाशयों पर पड़ रहा है. इतना ही नहीं रांची में तालाबों की स्थिति भी बदतर होती जा रही है.
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