Ranchi : झारखंड के हजारों लोगों को आशियाने का सपना दिखा कर उनकी करोड़ों रुपये की गाढ़ी कमाई ठगने के आरोपी संजीवनी बिल्डकॉन के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. झारखंड हाईकोर्ट ने श्याम किशोर गुप्ता की जमानत पर सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुनाया है.
अदालत ने श्याम किशोर गुप्ता की याचिका खारिज करते हुए उसे जमानत देने से इंकार कर दिया है. जमानत याचिका खारिज होने से श्याम किशोर गुप्ता को बड़ा झटका लगा है. गुप्ता को ईडी की विशेष टीम ने पिछले वर्ष गिरफ्तार किया था और तब से वो न्यायिक हिरासत में है.
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वर्ष 2012 में हुआ था घोटाले का खुलासा
इस घोटाले का मास्टरमाइंड कंपनी का प्रबंध निदेशक जयंत दयाल नंदी अब तक फरार है. वर्ष 2012 में घोटाले का खुलासा हुआ था. सात साल के बाद भी न तो रांची पुलिस और न ही सीबीआइ ही नंदी को पकड़ सकी. घोटाले के बाद विदेश भाग चुके नंदी को पकड़ने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था. कभी उसके नेपाल तो कभी मलेशिया में होने की जानकारी मिलती रही. उसे गिरफ्तार करने में सभी एजेंसी नाकाम रहीं.
नंदी के खिलाफ हजारीबाग में एक शिक्षिका के अपहरण का भी मामला दर्ज है. इस मामले में हजारीबाग पुलिस उसे मृत बताते हुए उस केस की फाइल ही बंद कर दी थी. ऐसे अधिकारी के विरुद्ध विभाग कार्रवाई कर चुकी है.
संजीवनी घोटाले से संबंधित 33 कांडों को सीबीआइ ने किया था टेकओवर
घोटाले के मुख्य आरोपितों में कंपनी के प्रबंध निदेशक जयंत दयाल नंदी, उनकी पहली पत्नी अनिता नंदी, दूसरी पत्नी अनामिका नंदी, निदेशक श्याम किशोर गुप्ता, निदेशक तकनीक अरविंद सिंह, ऑपरेशनल मैनेजर आरपी वर्मा आदि शामिल हैं. इस मामले में रांची सहित विभिन्न जिलों में कुल 33 कांड दर्ज हुए थे. इन 33 कांडों को आगे चलकर वर्ष 2014 में सीबीआइ ने टेकओवर किया था. अधिकतर मामलों में सीबीआइ चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है. कुछ में ट्रायल भी चल रहा है.
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