Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में रिम्स की व्यवस्था को लेकर सुनवाई हुई. अदालत ने कहा कि कोर्ट चाहती है कि रिम्स की स्थितियों में कुछ सुधार किया जाए. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. अदालत ने पीएम जनऔषधि केंद्र बंद होने और दवाई दोस्त को दुकान देने पर कोर्ट ने जवाब मांगा है. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है. युद्ध जैसे हालात में सरकार को कैसे काम करना है, यह सरकार को तय करना होगा.
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तीसरी लहर आने से पहले ही तैयार रहना होगा
हालांकि सरकार ने रिम्स में जरूरी उपकरण की इमरजेंसी खरीदारी की अनुमति दी है. लेकिन सीटी स्कैन मशीन सहित अन्य मशीनों को लगाने में देरी ठीक नहीं है. हमें तीसरी लहर आने से पहले ही तैयार रहना होगा, ताकि उससे निपटा जा सके. अदालत ने कहा कि कोरोना लगातार अपने स्वरूप को बदल रहा है. ऐसे में उसके वैरियंट की जानकारी के लिए रिम्स से रिपोर्ट भुनेश्वर भेजी जाती है. वहां से रिपोर्ट आने में एक माह लगता है. रिम्स को डीएनए सिक्वेंसर की खरीदारी करनी चाहिए. ताकि कोरोना संक्रमण के वैरियंट को पहले ही पहचान लिया जाए. इसके बाद अदालत ने पूछा कि रिम्स में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को बंद क्यों है.
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टेंडर करने की जिम्मेदारी उपायुक्त की- रिम्स
रिम्स की ओर से बताया गया कि जनऔषधि केंद्र में दवा सप्लाई के लिए टेंडर करने की जिम्मेदारी उपायुक्त की है. लेकिन उनकी ओर से दवा सप्लायर्स के चयन नहीं होने से दवा की आपूर्ति नहीं हो पाती है. इसलिए केंद्र बंद पड़ा है. रिम्स परिसर में दवाई दोस्त का केंद्र खोला गया है, जो जेनरिक दवाइयां बेचता है.