Ranchi: जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में एक महिला की मौत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने संज्ञान लिया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इस घटना ने उनकी आत्मा को झकझोर दिया और यह एक बहुत ही दुखद घटना है.
दरअसल चक्रधरपुर की एक महिला को उसके पति ने 14 फरवरी को केरोसिन डालकर जलाने का प्रयास किया. इसके बाद गंभीर अवस्था में किसी अनजान शख्स उस महिला को जली हुई अवस्था में एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर के सामने रख कर चला गया.इलाज के क्रम में महिला की मौत हो गई. झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि यह हॉस्पिटल की लापरवाही का नतीजा है.
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इस पूरे मामले से झारखंड हाईकोर्ट को अवगत कराने वाले अधिवक्ता अनूप अग्रवाल कहते हैं कि इस घटना की जानकारी उन्हें जमशेदपुर की एक अधिवक्ता अमृता कुमारी के जरिए मिली. जिसके बाद उन्होंने महिला की जली हुई अवस्था की तस्वीर और एमजीएम अस्पताल को इलाज के लिए लिखे गए पत्र को संलग्न करते हुए झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को मेल के माध्यम से पत्र लिखते हुए इस पूरे मामले से अवगत कराया.अदालत से इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया गया.
अनूप अग्रवाल के मुताबिक महिला की मृत्यु एमजीएम अस्पताल की लापरवाही और उसे जलाए जाने से हुई है. क्योंकि गंभीर रूप से जली हुई महिला को एमजीएम हॉस्पिटल ने उचित स्वास्थ सुविधा उपलब्ध नहीं कराई.
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झारखंड हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच के लिए झालसा के सचिव को आदेश दिया है. कोर्ट ने 1 सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने जमशेदपुर जिला प्रशासन और एसपी को निर्देश दिया है कि जांच के दौरान झालसा सेक्रेटरी की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाए.