Ranchi : रिम्स – Rims के छह विभागों के एचओडी को बदल दिया गया है. इस संदर्भ में रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद द्वारा आदेश जारी किया गया है. पूर्व में कई विभागों में एचओडी पद में असिस्टेंट प्रोफेसर थे, जिन्हें हटाकर वरीयतम प्राध्यापक को विभागाध्यक्ष का दायित्व सौंप दिया गया है.
निदेशक द्वारा जारी आदेश में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग, नई दिल्ली की अधिसूचना का हवाला देकर कहा गया है कि प्रत्येक विभाग में पूर्णकालिक प्रोफेसर के रैंक का एक विभाग प्रमुख होगा. लेकिन सवाल ये है कि क्यों इतने लंबे समय तक विभागाध्यक्ष के पद पर रहने दिया गया. सवाल ये भी है कि जिन्होंने विभागाध्यक्ष रहते हुए अपने विभाग की जिम्मेवारी का बेहतर तरीके से निर्वहन किया, उन्हें सम्मान देने के बजाए नियम का हवाला देकर पद से ही हटा दिया गया है. राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की अधिसूचना का ख्याल आखिरकार रिम्स प्रबंधन को इतने दिनों से क्यों नहीं थी?
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2017 में एक कमरे से शुरू हुआ था रिम्स का सीटीवीएस विभाग
2017 में एक कमरे से शुरू हुए CTVS विभाग के पास आज अपना वार्ड, आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर है. सीटीवीएस विभाग की HOD रहे डॉ अंशुल कुमार के नेतृत्व में 60 से अधिक जटिल सर्जरी की गई और यह रिम्स के नाम एक कीर्तिमान स्थापित हुआ. अब इस विभाग के विभागाध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ आरजी बाखला को दिया गया है.
Rims के नेफ्रोलॉजी में 1715 पेशेंट ले चुके हैं ओपीडी का लाभ
रिम्स में नेफ्रोलॉजी विभाग की स्थापना में मुख्य भूमिका तत्कालीन निदेशक डॉ डीके सिंह ने निभाई थी. डॉ डीके सिंह ने डॉ प्रज्ञा घोष पंत को बतौर विभाग का एचओडी नियुक्त किया था. उन्होंने मई 2020 में अपना योगदान दिया. इसी दौरान कोरोना का आगमन हुआ और कार्य रुक गया था, लेकिन फिर सितंबर 2020 में ओपीडी प्रगति पर आया और अब तक नेफ्रोलॉजी विभाग में 1715 पेशेंट परामर्श ले चुके हैं. फिलहाल नेफ्रोलॉजी विभाग का अतिरिक्त प्रभार रिम्स के औषधि विभाग के प्राध्यापक डॉ उमेश प्रसाद को दिया गया है.
इन्हें दिया गया है विभागाध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार
- कार्डियोथोरेसिक सर्जरी- डॉ आरजी बाखला, HOD, सर्जरी विभाग
- प्लास्टिक सर्जरी- डॉ आरएस शर्मा, प्राध्यापक, सर्जरी विभाग
- सर्जिकल आंकोलॉजी- डॉ विनोद कुमार, प्राध्यापक, सर्जरी विभाग
- मेडिकल आंकोलॉजी- डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह, प्राध्यापक, औषधि विभाग
- नेफ्रोलॉजी- डॉ उमेश प्रसाद, प्राध्यापक, औषधि विभाग
- न्यूनटोलॉजी- डॉ मिन्नी रानी अखौरी, प्राध्यापक शिशु रोग विभाग सह डीन रिसर्च
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