Dhanbad : उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी राज्य के मॉडल स्कूलों के शिक्षकों को न्याय मिलने में पांच साल लगा. राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृति के बाद 6 जुलाई 2022 को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने राज्य में संचालित 89 मॉडल विद्यालयों में घंटी आधारित मानदेय पर रखे गए शिक्षकों को केंद्रीय विद्यालय संगठन की तर्ज पर मानदेय देने की स्वीकृति दी है. राज्यपाल के आदेश के बाद सरकार के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है. इसके तहत अब स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को 27,500 और स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को 26,250 रूपया प्रतिमाह मानदेय मिलेगा.
पहले प्रति घंटी मिलता था 120 रूपया
झारखंड एकेडमिक काउंसिल के द्वारा केंद्रीय विद्यालय संगठन की तर्ज पर स्थापित किए गए इन मॉडल विद्यालयों में 21 अप्रैल 2011 को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत घंटी आधारित शिक्षक 120 रूपया प्रति घंटा की दर से प्रति कार्य दिवस में अधिकतम 5 घंटे के आधार पर रखे गए थे. बाद में सितंबर 2016 में निर्देश जारी किया गया कि हिंदी, अंग्रेजी, गणित, रसायन शास्त्र, भौतिकी, जीव विज्ञान एवं अर्थशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक रखे जाएं और इन्हें केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा अस्थाई व्यवस्था के तहत स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों को दिया जाने वाला नियत मानदेय दिया जाए.
कहाँ फंसा था पेंच
अप्रैल 2011 में घंटी आधारित शिक्षकों को नियुक्त किया गया था, जबकि सितंबर 2016 में केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा अस्थाई व्यवस्था के तहत स्नातकोत्तर प्रशिक्षित को दिया जाने वाला नियत मानदेय देने का निर्देश दिया गया था. दो चरणों में रखे गए शिक्षकों के वेतन में भिन्नता के कारण अनंत प्रिया सेन एवं अन्य ने उच्च न्यायालय में शिकायत की थी, जिसपर 13 जनवरी 2017 को उच्च न्यायालय ने फैसला सुना दिया था. लेकिन विभाग द्वारा लंबे समय तक आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने के बाद शिक्षकों ने अवमानना वाद का मामला दायर किया था.
मंत्री परिषद की स्वीकृति में लगे पांच साल
उच्च न्यायालय का आदेश सितंबर 2017 में ही आ गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से अब तक इसे लागू नहीं किया गया था. आदेश पर अवमानना वाद दायर करने के बाद दबाव में आए सरकार के द्वारा 21 जून 2022 को मंत्री परिषद की बैठक बुलाई गई, जिसमें मॉडल विद्यालय में कार्यरत इन शिक्षकों के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन की तर्ज पर नियत मानदेय देने की स्वीकृति दे दी गई. धनबाद जिले में भी गोविंदपुर और टुंडी में एक-एक मॉडल विद्यालय स्थापित किए गए थे. जिसमें कार्यरत शिक्षकों को अब एक समान मानदेय मिलेगा. आदेश जारी होने के बाद शिक्षकों में खुशी है.
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