Hazaribagh: जमीन माफिया और गुंडे अपने जुबान के पक्के हो गए हैं. वह जो कहते हैं उसे करते भी हैं और पुलिस बस लकीर पीटती रहती है. एक ऐसा ही मामला हजारीबाग में 24 जनवरी को घटित हुआ. जहां सीमा सुरक्षा बल में कार्यरत एक जवान डालेश्वर कुमार के नवनिर्मित घर की ढलाई को भू-माफिया ने तोड़ दी. साथ ही जवान के पिता और एक अन्य व्यक्ति को बुरी तरह से मारा पीटा जिसमें बुजुर्ग पिता की पैर की हड्डी टूट गई. जबकि दूसरे व्यक्ति का सिर फट गया. घटना पतरातू बस्ती में हुई है. बड़कागांव निवासी दलेश्वरकुमार ने अपनी पत्नी नीलम कुमारी के नाम से 4 डिसमिल का यह प्लॉट जिसका खाता नंबर 115 और प्लॉट नंबर 2517 है कुछ साल पहले लिया था.
जानलेवा हमले में टूटी बीएसएफ जवान के पिता की पैर
रंगदारी मांगी बीएसएफ जवान की पत्नी के साथ बदतमीजी भी की
इनकी जमीन पर भू-माफियाओं की नजर गई. फिर आरोपी सुरेश यादव उर्फ ने उन्हें कई बार धमकाया और ₹500000 की रंगदारी मांगी. आरोप यह भी है इन लोगों ने जवान की पत्नी के साथ बदतमीजी भी की थी. जिसकी लिखित सूचना थाने में दी गई थी. मुख्य आरोपी ने उस वक्त जो भी बात धमकी में कही थी, उसका अक्षरश: पालन भी किया.
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आरोप है कि 24 जनवरी की देर रात दो गाड़ियों में भरकर आरोपी और गुंडे साथ आए. और नवनिर्मित घर की ढलाई को तहस-नहस कर दिया. घर में सो रहे दो लोगों की जमकर पिटाई की. बाद में परिवार वालों ने थाने में इस बाबत मामला दर्ज कराया है. जिसमें सुरेश गोप,अजित साव,दीपक पासवान,कैलाश कुमार को नामजद बनाया गया है.
पुलिस अबतक आरोपी को पकड़ने में नाकाम
सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है. इसी क्रम में चतरा और अन्य इलाकों में भी छापेमारी की गई. लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी को पुलिस पकड़ने में विफल है. वही मुख्य आरोपी पर शहर के बड़े नेता का भी हाथ होने की बात कही जा रही है.
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नए बस रहे बस्तियों में है गुंडों का दबदबा
हजारीबाग के हुरहुरू और पतरातू बस्ती इलाके में और बड़कागांव और केरेडारी इलाके के कई लोग अपना घर बना रहे हैं. इस पूरे इलाके में ऐसे भू-माफियाओं का दबदबा है जो बाहर से आए इन व्यक्तियों से मोटी रकम मांगते हैं. नहीं देने पर मारपीट की जाती है. स्थानीय नेताओं के साथ और पुलिस की निष्क्रियता के कारण यह मामला बढ़ते जा रहा है. अधिकांश मामले में तो लोग शिकायत भी नहीं करते और पैसे ले देकर मामला रफा-दफा कर लेते हैं.
आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं करती पुलिस
अगर पुलिस ने 14 अक्टूबर 2020 को थाने में दिए आवेदन पर कोई कार्रवाई की होती तो आज बीएसएफ जवान के घर को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है. शायद पुलिस के इसी शिथिलता की वजह से शहर के गुंडे इतने बेखौफ हैं. अपने कहे को कर के भी दिखा रहे हैं. अब पीड़ित परिवार को फोन पर मामले को उठा लेने का दवाब बनाया जा रहा है.