– वर्ष 2016 तक होटल का सालाना कारोबार दो करोड़ का था
– शेयर ट्रांसफर वाली फाइल भी चार साल पुरानी हो चुकी है
Shubham Kishor
Ranchi : बिहार के समय से ही रांची के डोरंडा इलाके में स्थित होटल अशोक किसी पहचान का मोहताज नहीं था. बड़ी-बड़ी पार्टी, फंक्शन और रूम बुकिंग से साल में करोड़ों का कारोबार करने वाला होटल अशोक पिछले छह सालों से बदहाली के दौर से गुजर रहा है. सरकार व प्रबंधन की उदासीनता के कारण कभी लाभ में चलने वाला होटल अशोक आज बेहसहारा हो चुका है. केंद्र और राज्य सरकार के शेयर ट्रांसफर वाली फाइल भी लगभग चार साल पुरानी हो चुकी है.
होटल के कर्मचारी दीपक सहाय, जो होटल के फाइनेंस सेक्शन में काम करते थे, उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 तक यह होटल साल में लगभग दो करोड़ का कारोबार करता था. इस दौरान होटल ऑपरेटिव प्रोफिट में थे. हालांकि उन्होंने बताया कि कंपनी इस दौरान नेट लॉस में रहती थी. इसके पीछे का कुछ कारण इंडिया टूरिज्म डेवलमेंट कॉरपोरेशन (आईटीडीसी) द्वारा इनवेस्ट किए जाने वाले पैसे पर ब्याज वसूलना था. वर्ष 2018 में होटल को कुछ घाटा हुआ था, जिसके पीछे प्रबंधन को जिम्मेदार बताया गया. यहां तक कहा गया कि प्रबंधन होटल को बंद करने का मन बना चुका था, इसलिए होटल के कमरों के रिनोवेशन पर भी कम ध्यान दिया जा रहा था. दीपक के अनुसार, वर्ष 2006 में होटल इतना अच्छा बिजनेस कर रही थी कि सभी खर्च निकालने के बाद भी 3.5 करोड़ का एफडी होटल के नाम पर किया गया था, ताकि होटल के बंद होने पर बकाया देने के काम आए.
गेल से लेकर एसबीआई तक किराए पर मांग रहा था जगह
वर्ष 2017 में एसबीआई से लेकर गेल तक होटल अशोक में किराए पर जगह लेना चाह रहा था. होटल के कर्मचारी दीपक सहाय ने बताया कि होटल परिसर में दो हजार की सीटिंग कैपेसिटी वाला हॉल बना था. उस समय रांची में इतना बड़ा हॉल कहीं नहीं था. इस हॉल की एक दिन की बुकिंग का भाड़ा 4.25 लाख रुपये था. उस समय गेल का ऑफिस मेकॉन की बिल्डिंग में चल रहा था. गेल ने होटल अशोक के प्रबंधक से संपर्क कर हॉल का छत वाला भाग रेंट पर मांगा था, ताकि वहां अपना ऑफिस खोल सके. इसके बदले 8.5 लाख प्रतिमाह रेंट देने की पेशकश की गयी थी. लेकिन होटल प्रबंधन तैयार नहीं हुआ.
एसबीआई ने होटल के सामने वाली जमीन का दिया था प्रस्ताव
होटल अशोक की चकाचौंध का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एसबीआई की डोरंडा शाखा ने होटल के सामने वाली जमीन के लिए प्रबंधक को प्रस्ताव दिया था. उक्त जमीन पर इमारत खड़ी कर बैंक के साथ दूसरे किसी संस्थान को भी जगह देने का प्रस्ताव था. इससे अच्छा किराया आ सकता था. इसके अलावा एयर इंडिया ने भी ऑफिस के लिए जगह मांगी थी. होटल के कर्मचारियों का आरोप है कि प्रबंधन पहले से होटल को बंद करने का निर्णय बना चुका था, इसलिए इतने अच्छे-अच्छे प्रस्ताव को भी होटल प्रबंधन की ओर से ठुकरा दिया गया.
तीन से सात हजार रुपये प्रतिदिन था होटल के एक रूम का किराया
जानकारी के अनुसार, होटल अशोक की गिनती थ्री स्टार होटलों में होती थी. यहां के एक रूम का किराया तीन से सात हजार रुपये प्रतिदिन था. यहां अलग-अलग प्रकार के लक्जरी रूम थे. साथ ही दो छोटे हॉल भी थे, जहां कंपनियों की मीटिंग के लिए होटल के हॉल व रूम बुक कराए जाते थे. यहां शादी के लिए लॉन भी बुक किया जाता था, जिससे साल में इस होटल का व्यापार करोड़ों का था. दो हजार सीटिंग वाले हॉल को अधिकारिक रूप से नहीं खोला गया था, जिस कारण इसकी बुकिंग नहीं होती थी. आज उक्त हॉल खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.