Sonia jashmin
Ranchi : वर्तमान में प्रदूषण सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरा है. कई ऐसे शहर हैं, जहां खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल है. भारत के कई शहर विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल किये गये हैं. बढ़ते प्रदूषण को रोकने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर साल राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है.
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हवा, पानी और मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाना होगा
प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक आपदा के प्रबंधन और नियंत्रण के प्रति लोगों को जागरूकता करना होता है. इसके अलावा हवा, पानी और मिट्टी को प्रदूषित होने से बचाना और बढ़ते प्रदूषण के प्रति समाज में जागरुकता लाना है.
दरअसल, राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस भोपाल गैस त्रासदी में मारे गये लोगों की याद में मनाया जाता है. भोपाल की यूसीआईएल फैक्टरी से मिथाइल गैस के हुए रिसाव ने हजारों लोगों की जान ले ली थी. सरकारी आंकड़े के मुताबिक घटना के तुरंत बाद करीब 2259 लोगों की मौत हुई थी.
हर साल प्रदूषण से 70 लाख लोगों की होती है मौत
भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण से दुनिया भर में हर साल करीब 70 लाख लोगों की मौत होती है. स्थिति इतनी दयनीय है कि दस में से नौ लोगों को सांस लेने के लिए शुद्ध हवा भी नहीं मिलती. हवा में मौजूद प्रदूषण शरीर में प्रवेश करती हैं और फेंफड़े, मस्तिष्क एवं हृदय को नुकसान पहुंचाते हैं.
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कैसे करें पॉल्यूशन के खतरे से बचाव
चेंम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष कुणाल आजवाणी ने कहा कि संसाधनों का शोषण, धुएं के उत्सर्जन में सावधानी पूर्वक योजना की कमी और उत्पादों के तरल अपशिष्ट पर्यावरण में वापस जाकर बढ़ते है. इससे पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर जोखिम का खतरा बना रहता है. किसी भी राज्य के विकास के लिए वहां के औद्योगिक क्षेत्रों की भूमिका सर्वोपरि होती है. लेकिन इसके बीच यह भी महत्वपूर्ण है कि किसी भी उद्योग के गठन के साथ वहां के पर्यावरण व वातावरण की स्थिति पर भी ध्यान केंद्रित किया जाये. क्योंकि पर्यावरण के लिए किसी भी खतरे से मानव आबादी को खतरा हो सकताहै.
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प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी है पौधारोपण
झारखंड के पर्यावरण को बचाना है तो इलाके में पौधारोपण करना जरूरी है. इसके साथ ही इलाके की साफ-सफाई भी जरूरी है. हवा में प्रदूषण ही नहीं बल्कि पानी भी प्रदूषित होता है. नदी में पानी का बहाव हमेशा रहना चाहिए ताकि पानी में गंदगी एक जगह बैठ न सके. उन्होंने राज्य सरकार को nature resources और eco tourism पर ध्यान देने की बात कही है
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