LagatarDesk : जून, 2020 में लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थित गलवान घाटी में चीनी सेना की गतिविधियों के कारण दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. चीन की इस हरकत के खिलाफ देशवासियों में गुस्सा काफी गुस्सा था.
देशभर में लोग इन मांगों के साथ सड़कों पर उतरे. सोशल मीडिया पर BanChineseapps ने भी काफी ट्रेंड किया और भारत सरकार ने चीन को चेतावनी दी कि चीन को गलवान घाटी में हुए हिंसा का हिसाब चुकाना होगा.
अपनी चेतावनी पर अमल करते हुए सरकार ने भारतीय बाजार से चीन के अधिकतर प्रसिद्ध मोबाइल ऐप्स को एक-एक कर तीन चरणों में हटा दिया. चीन के कई मोबाइल और गेमिंग ऐप्स भारत में काफी लोकप्रिय थे. ऐसे में भारत के इस कदम से चीनी सरकार और चीनी कंपनियों को अरबों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. चीन की सरकार ने कई मौके पर बयान जारी कर अपनी तिलमिलाहट का इजहार भी किया है.
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59 चीनी ऐप्स को सबसे पहले सरकार ने बैन किया था
चीन निर्मित मोबाइल ऐप्स पर पहली बार प्रतिबंध लगाने की पहली सूची जारी करते हुए, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रद्योगिकी मंत्रालय ने अपने एक अधिकारिक बयान में कहा कि चीन निर्मित मोबाइल ऐप्स भारत की संप्रुभता और अखंडता के लिए खतरा है.
साथ ही देश की सुरक्षा, राज्य और सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा के लिए भी घातक हैं. इन मोबाइल ऐप्स को सूचना प्रौद्योगिकी ऐक्ट की धारा-69 (क) के तहत प्रतिबंधित किया जाता है.
उसी दौरान सरकार ने कहा था कि अगली दो सूचियां जल्द ही आयेंगी. गौरतलब है कि 29 जून 2020 को भारत सरकार ने TikTok, ShareIt, Shein, Likee, UC Browser और CamScanner जैसे 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था.
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दूसरी सूची में केंद्र ने 118 ऐप्स किया था बैन
5 सितंबर को केंद्र सरकार ने दूसरी सूची जारी कर PUBG और PUBG Mobile Lite सहित 118 मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया. इसके साथ ही WeChat और वैसे VPN ऐप्स को प्रतिबंधित किया गया, जो TikTok को इस्तेमाल करने में मदद करती थीं. तीसरी सूची 24 नवंबर 2020 को जारी हुई, जिसमें कुल 43 मोबाइल ऐप्स को बैन किया गया.
इन ऐप्स में AliExpress, delivery and Logistics service LalaMove, Snack Video जैसे ऐप्स थे. अब इन मोबाइल ऐप्स को देश में किसी भी इंटरनेट नेटवर्क पर डाउनलोड या इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
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