Jamshedpur: किसान आंदोलन की आग अब झारखंड में भी तेज होता दिख रहा है. राजभवन के समक्ष किसान आंदोलन और कृषि कानून के खिलाफ चरणबंध धरना दिया गया. वाम दलों ने शनिवार को चक्का जाम आंदोलन के समर्थन किया. साथ ही रांची, जमशेदपुर, गोडडा, देवघर और खूंटी में प्रर्दशन किया. वहीं अब किसान आंदोलन के समर्थन में जमशेदपुर समेत झारखंड के सैकड़ों लोग किसान दिल्ली पहुंचे. एकजुटता मंच के बैनर तले झारखंड से किसान दिल्ली पहुंचे.
इसे भी पढ़ें- किसानों का तीन घंटे का चक्का जाम शांतिपूर्ण समाप्त, टिकैत का सरकार को अल्टीमेटम, दो अक्टूबर तक कानून वापस ले
झारखंड में भी किसान महापंचायत लगाने का किया फैसला
किसान आंदोलन के समर्थन झारखंड से दिल्ली गए जन संगठनों के प्रतिनिधि बाबू नाग, सुमित राय, दीपक रंजीत, भगवान सिंह, गीता सुंडी, सुनील हेंब्रम, मुन्ना बड़ाइक, राजकिशोर महतो, महाबीर मुर्मू, गुरमीत गिल, प्रिंस सिंह, अजित तिर्की आदि लोग है. झारखंड के तमाम अमन पसंद जन संगठनों ने पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के तर्ज पर झारखंड में भी से भी किसान महापंचायत लगाने का फैसला किया.
इसे भी पढ़ें- सरकार का रवैया प्रतिकूल और टकराव भरा, 75 पूर्व नौकरशाहों का किसान आंदोलन पर खुला पत्र, कृषि कानून वापस लेने की मांग
झारखंड के किसानों ने की राकेश टिकैत से मुलाकात
झारखंड के विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने 5 फरवरी को गाजीपुर बॉर्डर जा कर राकेश टिकैत से मुलाकात किया. आंदोलन को समर्थन दिया साथ में धरती आबा बिरसा मुंडा का मोमेंटो भी दिया. 6 फरवरी को मंच के लोगों ने सिंधु बॉर्डर वहां के प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात किया. आंदोलन को मजबूत करने का संकल्प के साथ आंदोलन को समर्थन दिया. सभी संगठनों ने ऐलान किया है जब तक कृषि कानून निरस्त नहीं हो जाता. तब तक यह आंदोलन हर दिन मजबूती के साथ चलता रहेगा.
इसे भी देखें-