Ranchi : रिम्स समेत झारखंड के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर आंदोलन के मूड में हैं. तीन सालों के एरियर की मांग को लेकर उनके सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है. वे काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. सूबे के जूनियर डॉक्टरों ने कोरोना काल में तन-मन से सेवा दी. इसके बावजूद डॉक्टरों को एरियर का भुगतान अबतक नहीं किया गया है.
एक माह पूर्व रिम्स में हुई शासी परिषद की बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद से मुलाकात कर एरियर भुगतान करने का आग्रह किया था. जेडीए ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि रिम्स प्रबंधन को तीन-चार बार आवेदन दिया गया है, लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला. 2016 से 2019 तक के एरियर का भुगतान नहीं किया गया है.
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एरियर की आस में पास हो चुके हैं डॉक्टर
जूनियर रेजिडेंट ने कहा कि विभिन्न विभागों में काम कर चुके हाउस सर्जन का अभी तक एरियर भुगतान नहीं किया गया है. अधिकांश बैच एरियर की आस में रिम्स से पास होकर झारखंड के विभिन्न मेडिकल कॉलेज में पोस्टेड हो चुके हैं. कई ऐसे चिकित्सक है जो दूसरे राज्यों में अपनी सेवा दे रहे हैं.
जूनियर डॉक्टर करेंगे आंदोलन, दो दिन की मोहलत दी
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्य डॉ अनितेश गुप्ता ने कहा कि एरियर भुगतान की मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव, रिम्स निदेशक और सांसद प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी मांगों को रखा है. बावजूद इसके अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है. एक मार्च से रिम्स सहित झारखंड के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेसीडेंट काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि यदि एक सप्ताह में हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तब आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
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