Ranchi: 450 करोड़ की विधानसभा. रघुवर सरकार ने बनवाया लेकिन यहां दोबारा नहीं पहुंच पाये रघुवर दास. अब हेमंत सरकार पर विधानसभा का जिम्मा है. कई एकड़ में फैले इस विधानसभा के भव्य भवन पर मधुमक्खियों का आतंक है. एक दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मी पर मधुमक्खियों का हमला हुआ. लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. जबकि मधुमक्खियों का छत्ता चार-पांच जगह लटकता हुआ साफ देखा जा सकता है.
देखें कैसे मधुमक्खियों ने लगातार संवाददाता निलय पर हमला कर दिया
लगातार…के वरीय संवाददाता निलय सिंह हर दिन की ही तरह कवरेज के लिए विधानसभा पहुंचे. पहली पाली के स्थगित होने के बाद वो नेताओं की बाइट ले रहे थे. इस दौरान उन्हें प्यास लगी तो वो पानी पीने के लिए पास के स्टॉल पर गए. वहीं ऊपर एक बड़ा सा मधुमक्खी का छत्ता है. जैसे ही उन्होंने पानी पी कर ग्लास को वहां पड़े डस्टबिन में फेंका, कुछ मधुमक्खियों ने उनपर हमला कर दिया. देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में निलय मधुमक्खियों से घिर गए.
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कुछ दूर खड़े पत्रकार साथी उन्हें बचने की तरकीब बताने लगे. लेकिन मधुमक्खी उन्हें छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहे थे. मधुमक्खियों का हमला इतना भयावह था कि निलय अपना सिर ऊपर ही नहीं कर पा रहे थे. करीब दो-तीन मिनट की इस भयानक मंजर के बाद पत्रकार राजीव रंजन ने हिम्मत दिखायी और एक कपड़ा लेकर निलय की तरफ दौड़े.
कपड़े से उन्होंने निलय पर मंडरा रहे मधुमक्खियों को झाड़ा. कुछ राहत मिली तो निलय को लेकर राजीव विधानसभा भवन में दाखिल होने की कोशिश की. किसी तरह कपड़े से निलय को ढका गया. राजीव की हिम्मत की वजह निलय की जान बच पायी. आनन फानन में निलय को लेकर विधानसभा के डिस्पेंसरी में भर्ती किया गया. हालत बेहद खराब थी और लगातार स्थिति बिगड़ रही थी. उन्हें वहां से विधानसभा के पीआरओ सरफराज की मदद से रिम्स पहुंचाया गया. जहां खबर लिखे जाने तक उनकी हालत सामान्य नहीं बतायी जा रही है.
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सवाल यह उठता है कि निलय के साथ जो हुआ उसका कोई जिम्मेवार है भी या नहीं. जब एक दिन पहले किसी विधानसभा कर्मी पर छोटे तौर पर मधुमक्खियों ने हमला किया था तो क्यों नहीं उसी वक्त विधानसभा की तरफ से कार्रवाई की गयी. क्या किसी अप्रिय घटना का इंतजार किया जा रहा था. सवाल यह भी अगर यही घटना किसी माननीय या अधिकारी के साथ घटती तो विधानसभा का रुख क्या होता.