Ranchi: झारखंड के किसानों को उनके पिछले वर्ष के धान का बकाया राशि अभी तक नहीं मिल पाया है. शुक्रवार सुबह बीजेपी किसानों के हित में खेतों में विरोध प्रदर्शन करेगी. बीजेपी के सभी नेता खेतों में धरना-प्रदर्शन करने वाले हैं.
इसपर झारखंड के खाद्य आपूर्ति और वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव की प्रतिक्रिया आयी है. रामेश्वर उरांव ने किसानों के बकाया राशि का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ दिया है. रामेश्वर उरांव ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई पर झारखंड सरकार के बकाया 180 करोड़ रुपये के अविलंब भुगतान में सहयोग की मांग की है.
राज्य सरकार ने लक्ष्य से अधिक खरीदा धान, बोनस की भी की घोषणा
खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर बताया कि राज्य सरकार ने धान खरीद के एवज में किसानों को बोनस दिये जाने का निर्णय लिया गया था. धान खरीद के लिए राज्य सरकार की नोडल एजेंसी झारखंड राज्य खाद्य निगम की ओर से वर्ष 2020-21 में 60.85 लाख टन धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा गया था, जबकि राज्य में 62.41 लाख टन धान की खरीद की गयी जो 102 प्रतिशत है. जो बीजेपी शासन की तुलना में अधिक है. इसके एवज में राज्य सरकार को एमएसपी और बोनस के रूप कुल 943.21 करोड़ किसानों को भुगतान करना था. राज्य सरकार की ओर से किसानो कों 568.50 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है, और 374.71करोड़ की और आवश्यकता है, ताकि किसानों का पूर्ण भुगतान हो सके.
इसे भी पढ़ें-आरपीएफ ने संबलपुर मंडुआडीह ट्रेन से 5 लाख का गांजा किया बरामद, पांच गिरफ्तार
एफसीआई के पास 180 करोड़ बकाया है. जैसे-जैसे एफसीआई से राशि प्राप्त हो रही है, वैसे-वैसे किसानों के भुगतान के लिए जिलों को राशि राज्य सरकार उपलब्ध करा रही है. इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से 290 करोड़ रुपये लोन लेकर किसानों के बकाया भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है और जल्द ही एक-एक पाई किसानों का चुकता हो जाएगा.
इसे भी पढ़ें-किसानों के मुद्दे को लेकर भाजपा का प्रदेश व्यापी प्रदर्शन कल
पहले एफसीआई से बकाया राशि दिलाए भाजपा, तब धरना पर बैठे
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि धान खरीद का बकाया और किसानों के मुद्दे को लेकर शुक्रवार को धरना देने जा रहे भाजपा नेताओं को पहले केंद्र सरकार के उपक्रम एफसीआई के पास बकाया 180 करोड़ रुपये का भुगतान कराने में मदद करनी चाहिए, उसके बाद धरना पर बैठना चाहिए.
इसे भी पढ़ें-रूपा तिर्की मामले में सरकार का असली चेहरा आया सामने : आरती कुजूर