Saurav Shukla
Ranchi : राज्य में वैक्सीनेशन पर रह-रह कर ब्रेक लग जा रहा है. वैक्सीन की किल्लत के कारण इस महीने वैक्सीन देने की रफ्तार भी काफी धीमी रही है. लक्ष्य यह था कि तीसरी लहर से पूर्व ही 70% आबादी को वैक्सीन दे दी जाए, तभी हर्ड इम्यूनिटी बनेगी. लेकिन टीकाकरण की रफ्तार ऐसी है कि पिछले 6 महीने में राज्य में सिर्फ 4.5% आबादी को ही वैक्सीन की सेकेंड डोज दी गयी है.
राज्य में 2 करोड़ 47 लाख लोगों को वैक्सीन देने का है लक्ष्य
झारखंड की अनुमानित आबादी करीब सवा तीन करोड़ है. इसमें 2 करोड़ 47 लाख 40 हजार 326 लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग के द्वारा रखा गया है. अब तक 63 लाख 85 हजार 599 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गयी है, जबकि 12 लाख 88 हजार 223 लोगों को सेकेंड डोज लगी है. ऐसे में 4.5% आबादी को ही सेकेंड डोज लगी है.
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रफ्तार कैसे कम, ऐसे समझें
राज्य में फिलहाल वैक्सीनेशन योग्य आबादी 2.47 करोड़ है. इसमें 70% यानी 1.73 करोड़ आबादी को वैक्सीनेट करना जरूरी है. यदि इतनी आबादी वैक्सीनेट हो गई तो संक्रमण से जान जाने का खतरा कम होगा. 6 महीने में राज्य में कुल 76 लाख 74 हजार 105 लोगों को टीका लगा है. इसमें अब तक सेकंड डोज 12 लाख 88 हजार 223 लोगों ने ली है. सेकेंड डोज का 1 महीने का औसत 2 लाख 13 हजार 542 है. रफ्तार यही रही, तो कुल 70% यानी 1.73 करोड़ आबादी को वैक्सीन लगने में कम से कम 81 महीने, यानी 6 साल 6 महीने का समय लग सकता है.
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वैक्सीन की कमी पर स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना
वहीं राज्य में वैक्सीन की कमी होने पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राज्य में वैक्सीन की आपूर्ति के लिए बार-बार पत्राचार किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगायी जा सके. लेकिन दुनिया में वैक्सीन सप्लाई का हब बताने वाले भारत के ही एक राज्य में वैक्सीन की कमी हो रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी देश और राज्य की जनता को गुमराह कर रहे हैं.