LagatarDesk : आज की बिजी लाइफ में काम के बढ़ते बोझ के कारण लोग गुस्से का शिकार हो रहे हैं. गुस्से से उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत भी खराब हो रही है. कोरोना महामारी में आर्थिक चुनौतियां भी बढ़ गयी हैं. वर्कप्रेशर के कारण लोग स्ट्रेस का शिकार हो रहे हैं. स्ट्रेस बढ़ने से एंग्जाइटी और गुस्सा भी अपने आप बढ़ने लगता है. आज के समय में स्ट्रेस एक आम समस्या हो गयी है. यहां जानिए कुछ योगासन जो आपके स्ट्रेस और गुस्से को कम करेगा. जिसे हर दिन करके आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं.
अंजलि मुद्रा
अंजलि मुद्रा को आप आसानी से कर सकते है. इसको करने के लिए आप जमीन पर पालथी मार कर बैठ जायें. इसके बाद अपने हाथों को जोड़कर चेस्ट के बीचों बीच लायें और आंखों को बंद कर लें. इस मुद्रा में करीब पांच से दस मिनट के लिए बैठें. इस योगासन को आप हर दिन कर सकते हैं. अंजलि मुद्रा से आपका स्ट्रेस कम होगा और गुस्सा भी कंट्रोल होगा.
उन्मनी मुद्रा
उन्मनी मुद्रा करने से आप अपने गुस्से को शांत कर सकते हैं. इस योगासन को करने के लिए पद्मासन की अवस्था में बैठ जायें. अपना सारा ध्यान अपनी भौंहों के बीच केंद्रित करें. ध्यान रहे कि इस योगासन को करते समय दिमाग में कोई और ख्याल ना आने दें.
सुखासन
यह काफी सामान्य योग मुद्रा है. कई बार आप ऐसे बैठते भी हैं. लेकिन स्ट्रेस और गुस्से को कंट्रोल करने के लिए आपको ध्यान केंद्रित करना होगा. इसे करने से मन और दिमाग काफी शांत होता है. जिससे अपने आप गुस्सा और तनाव भी कम होता है. इसके लिए जमीन पर बैठ जायें. अपनी कमर की हड्डी को सीधा कर लें. इसके बाद अपनी आंखों को बंद करें. फिर लंबी-लंबी सांस लें और छोड़ें. फिर धीरे-धीरे सांसों को सामान्य स्थिति में ले आयें. अपना सारा ध्यान सांस पर केंद्रित कर लें. यानी ध्यान दें कि आप कब सांस ले रहे हैं और कब छोड़ रहे हैं. इस मुद्रा में 10 मिनट या उससे अधिक समय तक बैठें.
मर्जरी आसन
इस आसन को करने के लिए आप अपने घुटनों और हथेलियों के बल बैठें. अपनी पीठ को टेबिल की तरह करें. इस योगासन को 4 से 5 बार किया जा सकता है. इसे करने से मन शांत होता है.
सर्वांगासन
गुस्से को कंट्रोल करने के लिए यह योगासन सबसे बेहतर माना जाता है. इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर एकदम सीधा लेट जायें. फिर गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठायें. अपने हिप्स को ऊपर उठाते हुए अपने पैरों को सीधा करें. अपने दोनों हाथों से पीठ को सहारा दें.