Ranchi : इन दिनों का मौसम बुखार वाला चल रहा है. आप किसी कार्यालय में देखें, अपने पास-पड़ोस में देखें, कोई ना कोई जरुर मिल जायेगा, जिसे बुखार है. अस्पतालों के ओपीडी में जाकर देखें, तो बुखार के मरीजों की संख्या अधिक है. दवा दुकानों पर भी बुखार की दवा ज्यादा बिक रहे हैं. पर यह बहुत घबराने वाली बात नहीं है. हां, सतर्कता जरुरी है. ताकि यह बुखार गंभीर ना हो जाए.
मौसमी बुखार को लेकर हमने डॉ अनुज कुमार से बात की. वह मैक्सिलोफेशियल सर्जन और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट हैं. उन्होंने बताया कि कई बार बुखार आते ही लोग घबरा कर ख़ुद से तरह-तरह की जांच कराने लग जाते हैं. इससे बेवजह पैसे की बर्बादी होती है. अभी जो बुखार है, वह मौसमी बुखार है. और ज्यादातर मौसमी बुखार खुद से ही दो-तीन दिनों में ठीक हो जाते हैं. लेकिन बुखार आने पर सतर्कता जरुरी है. डॉ अनुज कुमार ने बताया कि हमारे समाज में एक गलत अवधारणा है कि बुखार में चावल या अंडा नहीं खाना चाहिए. बुखार में भी आप चावल व अंडा खा सकते हैं. इससे कोई दिक्कत नहीं है.
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क्या करें जब बुखार आए
– ज्यादा से ज्यादा आराम करें.
– बुखार आने पर पैरासिटमोल की गोली लें.
– ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ (पानी, ओआरएस का घोल) लें
– सुपाच्य (जल्द पचने वाला) भोजन लें.
– पीने का पानी उबाल कर फिर ठंडा करके पियें.
– गरम पानी में नमक डाल कर गार्गल करें.
– ओआरएस ORS घोल का उपयोग करें
अगर ऐसा है तो डॉक्टर से मिलें
– अगर आप पहले से ही किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित हैं.
– अगर दवाई से भी बुखार कम ना हो.
– अगर तीन दिनों के बाद भी बुखार आये.
– बुखार के साथ-साथ पेट दर्द, डायरिया जैसे लक्षण हों.
– अगर शरीर पर लाल धब्बे जैसे निशान आ जाए.
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