Vikash
Ranchi : शहर की साफ-सफाई का जिम्मा रांची नगर निगम पर है. निगम हर दिन इसे अंजाम भी देता है. रोज शहर से तकरीबन 600 टन से भी ज्यादा कचरा निकाला जाता है और इस कचरे को झिरी डंपिंग यार्ड में डंप किया जाता है. लगभग 40 एकड़ में फैले इस इलाके में इतना कचरा जमा हो चुका है कि अब यहां कचरे के पहाड़ बन गये हैं. डंप यार्ड से ऐसी बदबू निकलती है कि वहां रहना तो दूर, इलाके की तरफ से गुजरने पर भी हालत खराब हो जाती है. क्षेत्र में बोरिंग का पानी भी गंदा हो गया है या कहें कि जहरीला हो गया है. इससे क्षेत्र में रहने वाले लोग लगातार बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
डंपिंग यार्ड के आसपास रिहाइशी इलाका भी है. यहां के लोग अब नारकीय जीवन जीने का मजबूर हैं. मच्छरों का ऐसा आतंक है यहां कि स्थानीय लोग दिन में भी मच्छरदानी में रहते हैं. कई बार गुहार लगायी गयी, मगर नगर निगम और सरकार की लापरवाही के कारण अबतक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है. हालांकि नगर निगम ने इसे ठीक करने के कई दावे किये थे.
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नगर निगम ने दावा किया था कि झिरी में जल्द बनेगा इको पार्क
नगर निगम ने 2015 से ही झिरी के डंप यार्ड में इको पार्क बनाने का दावा किया गया था. इसके लिए एजेंसी को काम भी सौंपा गया, मगर दावा फेल रहा. साथ ही निगम ने यह भी दावा किया गया था कि कचरे से 11 मेगावाट की बिजली पैदा की जाएगी. यह भी फेल रहा. 2019 में भी इको पार्क बनाने के लिए टेंडर निकाला गया. इसके बाद एजेंसी को पार्क बनाने की अनुमति भी रांची नगर निगम ने दी, मगर यह भी असफल रहा.
फिलहाल नगर निगम ने गेल इंडिया को हॉर्टिकल्चर पार्क बनाने का काम सौंपा है. साथ ही कंपनी द्वारा कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का दावा भी किया गया है. इसके लिए सरकार से अनुमति भी मिल गई है, मगर अबतक धरातल पर यह नजर नहीं आ रहा है.
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झिरीवासी कचरा डंपिंग का जता चुके हैं विरोध
पिछले साल झिरी डंप यार्ड के आसपास के लोगों ने नगर निगम द्वारा कचरा डंप का पुरजोर विरोध किया था. पूर्व नगर आयुक्त के आश्वासन के बाद लोग शांत हुए थे. तब कहा गया था कि जल्द इलाके में इको पार्क बनाया जाएगा. साथ ही कचरे से होने वाली परेशानी से लोगों को निजात दिलायी जाएगी, मगर ऐसा नहीं हुआ. स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व में रांची नगर निगम द्वारा केमिकल का छिड़काव भी किया जाता था, मगर अब यह भी नहीं होता है. यहां मक्खी-मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है. बदबू के कारण लोगों का जीना मुहाल है. लोगों ने फिर गुहार लगायी है कि जल्द से जल्द यहां से डंपिंग यार्ड को हटाया जाए.