Ormanjhi : राजधानी का ओरमांझी प्रखण्ड पत्थर खदानों चट्टानों, पहाड़ पर्वत और जंगलों से भरा है. ओरमांझी क्षेत्र के पत्थर खदानों से लगातार अवैध कारोबार की खबरें आ रही हैं. इससे राजस्व विभाग को भी करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. बता दें कि यहां वैध तरीके से भी खनन का कार्य होता है. लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो अवैध तरीके से पत्थर के कारोबारी महीने भर से करोड़ो रूपये कमा रहे हैं.
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खदानों में चलने वाले ट्रैक्टरों में नंबर प्लेट तक नहीं
मजदूर रस्सियों के सहारे ख़ाई में 100 फीट से ज्यादा नीचे उतरते हैं और पत्थरों में सुरंग बनाते हैं. इसी के बाद वहां ब्लास्ट कर पाना संभव हो पाता है.पत्थर खदानों में तोड़े गए पत्थरों को बिना चालान के ही क्षेत्र के क्रेशरों में भेजा जाता है. अंचल अधिकारी ने कई बार ऐसी गाड़ियों व ट्रैक्टर को जब्त भी किया है. इससे संबधित कई केस भी चल रहे हैं. यहां तक की खदानों में चलने वाले ट्रैक्टरों ड्रिल करने वाली गाड़ियों में नंबर प्लेट तक होता ही नहीं है.
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कई मजदूर गवां चुके हैं जान
मालूम हो कि इन खदानों में काम करने वाले मजदूरों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है. ऐसे में इन खदानों से लगातार मजदूरों के दुर्घटना ग्रस्त होने मौत की भी खबरें आती रहती हैं. खदान मालिक भी मजदूरों पर दबाव नहीं बनाते क्योंकि उन्हें बड़ी मुश्किल से मजदूर मिलते हैं.
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आदेशों को ताक पर रख कर खनन
सरकारी आदेशों को ताक पर रखकर कई खदानों में अभी भी खनन का कार्य किया जा रहा है. वहीं सरकार का आदेश है कि पत्थर खदान की खाई के उपर मिट्टी भरकर पौधारोपण करना है. लेकिन देखा जा रहा है कि पत्थर निकालने के बाद खदान मालिक रफूचक्कर हो जाते हैं. जिसके चलते आसपास के लोगों में डर समाया रहता है.
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बढ़ रहे हैं अस्थमा के मरीज
गांव की सड़कों से होकर गुजरने वाले गाड़ियों से सड़कों की स्थिति काफी जर्जर हो गयी है. सड़कों पर उड़ने वाली धूल के कारण लोगों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इससे स्थानीय लोगों में अस्थमा की भी परेशानी बढ़ रही है. लोगों का कहना है कि पहले कभी-कभी सड़कों पर पानी का छिड़काव भी हो जाता था, लेकिन कोरोना काल से अब वो भी बंद है.
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कहां-कहां चल रहा है अवैध पत्थर कारोबार
ओरमांझी प्रखण्ड के पिस्का खीराबेड़ा, मन्दरो, कुच्चु, सिकिदिरी, टूण्डाहुली, मनातू, डहुटोला , हेंदबिलि ,चुटुपालु सहित अनेक क्षेत्रों में अवैध तरीके से माइंस में पत्थरों का अवैध कारोबार चल रहा है. बता दें कि इस प्रखंड में 100 से अधिक क्रेशर व माइंस चलाए जा रहे हैं.
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दुमका और पाकुड़ में हुई है कार्रवाई
एनजीटी का आदेश जारी हुआ है जिसमें दुमका और पाकुड़ जिले में पत्थर उत्खनन कर रहे 467 लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का जा रही है. इसके साथ ही पत्थर कारोबारियों पर 900 करोड़ जुर्माना लगाया गया है. दुमका पाकुड़ में अवैध रूप से पत्थर खनन कर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के मामले में यह जुर्माना लगाया गया है. ओरमांझी अंचल अधिकारी शिव शंकर पांडे ने बताया की अवैध तरीके से काम करने वालों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी.
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