Niraj Kumar
Dhanbad : आईआईटी-आईएसएम का इतिहास शानदार है. यह संस्थान केवल शिक्षा का केंद्र नहीं बल्कि ऊर्जा, खनन और पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में नए-नए कृतिमान स्थापित करने एवं शोध को प्रोत्साहित करने वाली देश के अग्रणी संस्थाओं में एक है. यह इनोवेशन एवं सकारात्मक विचारों का केंद्र है, जो न केवल राष्ट्रीय क्षमता को बढ़ाता है बल्कि राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने में सकारात्मक भूमिका निभाता है. यह संस्थान इनोवेशन की सोच को बढ़ावा देने वाले संस्थान के रूप में जाना जाएगा. यह बात आईआईटी-आईएसएम के पेनमैन सभागार में आयोजित संस्थान के 41वें दीक्षांत समारोह में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस ने छात्रों की हौसला अफजाई करते हुए 14 अगस्त को कही.
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विद्यार्थी जीवन का गौरवमयी क्षण
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में यह ऐतिहासिक, अपार हर्ष और गौरव का क्षण होता है, जब विद्यार्थी डिग्री के साथ पदक प्राप्त करता है. राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों के इस गौरवपूर्व क्षण में उपस्थित होकर वे खुद गौरवान्वित हैं. उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी उर्जा एवं क्षमता का प्रयोग समाज, संस्था और अपने परिजनों का नाम रोशन करने के लिए करने की अपील की. कहा कि आपका भौतिक निर्माण ऐसे प्रतिष्ठित संस्थान में हुआ है, जिसकी समृद्ध विरासत रही है. जिसमें भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने की क्षमता है. इस संस्थान के विद्यार्थी विश्व में कही भी हों , उन्होंने अपने चुने हुए क्षेत्र में विशिष्ठ पहचान बनाकर राज्य और राष्ट्र का मान बढ़ाया है.
समाज के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना
राज्यपाल ने आईआईटी-आईएसएम के द्वारा चलाए जा रहे अटल टिंकरिंग लैब में संस्थान सहित आसपास के ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान करने एवं जामताड़ा जिले में ग्रामीण आदिवासी व किसानों के बीच कृषि आधारित उद्योग के प्रति जागरूक करते हुए उनको शिक्षित व प्रेरित करने के लिए सराहना की.
गुणवत्तापूर्ण बेंचमार्क सेटअप करने की आवश्यकता : प्रो प्रेमव्रत
आईआईटी-आईएसएम के चेयरमैन प्रोफेसर प्रेमव्रत ने कहा कि आज जो भी विद्यार्थी इस सभागार से शिक्षण प्राप्त कर अपनी डिग्री लेकर विश्व में कहीं भी जा रहे हैं, उन्हें गुणवत्तापूर्ण बेंचमार्क सेटअप करने की आवश्यकता है. जिससे कि आईआईटी-आईएसएम का नाम पूरे विश्व में सकारात्मक रूप से जाए. उन्होंने कहा कि आज का दिन विद्यार्थियों के साथ उनके अभिभावकों, उनको शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों के लिए भी गौरवान्वित क्षण की तरह होता है.
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धोनी की तरह अपने पैशन को काम से जोड़ें : राजीव शेखर
आईआईटी-आईएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने विद्यार्थियों से कहा कि हम सोचते हैं कि भारत समृद्ध कैसे बनेगा? हम चीन को कैसे बीट कर सकते हैं? क्या हम फाइटर प्लेन बना सकते हैं? क्या हम बेस्ट कंप्यूटर व सॉफ्टवेयर बना सकते हैं? आज इस “क्या” का जवाब आपके कंधे पर है. उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि वे अपने पैकेज को पैशन से जोड़ें. उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी, रतन टाटा, अमिताभ बच्चन, इंफोसिस के नारायण कृष्णमूर्ति जैसे लीजेंड्स का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने गोल को अचीव करने के लिए अपने पैशन को अपने काम से जोड़ा. उन्होंने रतन टाटा का उदाहरण देते हुए कहा कि बड़ी-बड़ी ट्रक बनाने वाली कंपनी के रतन टाटा ने मिडिल क्लास लोगों के लिए देखें अपने सपनों को पूरा करने के लिए दुनिया की सबसे सस्ती कार नैनो बनाकर अपने पैशन को साबित किया.
1100 टेक्नोक्रेट्स को मिली डिग्री
इसके पूर्व आईआईटी-आईएसएम में कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 7:30 बजे शोभायात्रा से हुई, जिसमें संस्थान के सत्र 2019-20 और 2020-21 में पास आउट टेक्नोक्रेट्स ने भाग लिया. इसके बाद समारोह में वर्ष 2019-20 बैच के 1100 टेक्नोक्रेट्स के बीच डिग्री का वितरण किया गया. 14 अगस्त को दीक्षांत समारोह के दूसरे दिन भी 2020-21 में पासआउट हुए 1100 विद्यार्थियों के बीच डिग्री का वितरण किया जाएगा.
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