Chulbul
Ranchi: रांची जिले में वीर शहीद पोटो हो खेल योजना के तहत 2020-21 में कुल 76 खेल मैदान बनाने का लक्ष्य था. योजना के तहत मैदानों में मूल सुविधाएं उपलब्ध करा उसे खिलाड़ियों के खेलने लायक बनाना था. इन खेल मैदानों का निर्माण रांची जिला प्रशासन और खेल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया जाना है. जिला प्रशासन ने पिछले एक वर्ष में मनरेगा के तहत 11 मैदानों में लेवलिंग का कम पूरा कर लिया है, पर अफसोस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस महत्वाकांक्षी योजना के एक वर्ष बीतने के बाद भी रांची में एक भी खेल मैदान पूरा नहीं हो पाया. किसी भी मैदान में न तो चेंजिंग रूम का निर्माण हुआ, न ही टॉयलेट का.
इसे भी पढ़ें- राज्य में ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं की संख्या है 32 लाख, सिर्फ 15 हजार ने ही लिया विलंब शुल्क माफी का लाभ
किसी भी मैदान में चेंजिंग रूम और टॉयलेट का नहीं हुआ निर्माण
इस योजना के तहत हर ब्लॉक की 10-10 ग्राम पंचायतों में मॉडल खेल मैदान बनाये जाने थे. योजना का संचालन जिला प्रशासन और खेल विभाग मिलकर कर रहा है. इन मैदानों का भूमि समीकरण (लेवलिंग) का काम जिला प्रशासन का है. वहीं चेंजिंग रूम और टॉयलेट बनाने का जिम्मा खेल विभाग को दिया गया. जिला प्रशासन ने 11 खेल मैदानों का समीकरण तो कर लिया है, पर उनमें से एक में भी न चेंजिंग रूम बने हैं, न ही टॉयलेट.
इसे भी पढ़ें- युवती ने प्रेम में खाया धोखा, थाने पहुंच कर लगायी गुहार, धोखेबाज प्रेमी फरार
खिलाड़ियों को बढ़ावा और प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का था मकसद
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 4 मई, 2020 को वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना की शुरुआत की थी. इस योजना की शुरुआत केवल खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और खेलने के लिए सही माहौल देना नहीं था, बल्कि इस योजना से सरकार कोविड काल में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की भी बात कह रही थी. योजना में मनरेगा के तहत लगभग एक करोड़ मानव दिवस सृजन करने की बात कही गयी थी. इसमें राज्यभर में हर पंचायत में 5000 खेल मैदान बनाये जाने हैं. इसके साथ ही खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए व्यवस्था और सरकारी नौकरी देने का प्रावधान भी है.