Dhanbad : धनबाद शहर के विभिन्न इलाकों में लगी स्ट्रीट लाइट को दुरुस्त करने में नगर निगम फेल है. सभी 55 वार्डों में स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. शहर में 20 हजार नई लाइट लगाई जानी है. इसमें अब तक सिर्फ 4 हजार ही लगाई जा सकी हैं. वहीं, पहले लगी 22 हजार लाइट में 12 हजार से अधिक खराब हो चुकी हैं. हाल के दिनों में लगीं कई हाईमास्ट लाइट भी खराब होने लगी हैं. इन्हें ठीक करने के लिए निगम के पास कोई इंतजाम नहीं है. प्रकाश पर्व दिवाली तक कमोवेश यहीं स्थिति रहने की संभावना है.
चार एजेंसियों को लाइट दुरुस्त करने की जिम्मेदारी
शहर में पहले सूर्या कंपनी की 4,450, ईईएसएल की 14,804, तुलस्यान की 1458 व तिरुपति कंपनी की 1300 लाइटें लगाई गई थीं. सूर्या कंवपी को लाइट लगाने के साथ-साथ 5 साल तक मेंटेनेंस की जिम्मेवारी भी दी गई थी, जो अब समाप्त हो चुकी है. बाकी तीनों कंपनियों के साथ निगम का 7 साल का करार है. ये तीनों अभी भी निगम के साथ काम कर रही हैं. सूर्या का काम निगम का इलेक्ट्रिकल विभाग के पास है, जिसमें दो अभियंता सहित एक मिस्त्री और दो हेल्पर शामिल हैं. इसके बावजूद लाइटें खराब हैं.
पढ़ें : धनबाद : किसानों को खुशहाल बनाने के लिए पहल कर रही केंद्र सरकार : पीएन सिंह
निगम को देना पड़ता है मेंटेनेंस का खर्च
निगम के अधिकारियों के अनुसार, लइटों लगाने व मेंटेनेंस के लिए संबंधित कंपनियों के साथ निगम का करार है. हर साल लाइट की वैल्यू भी कम होती जा रही है. इस हिसाब 3 से 8 प्रतिशत तक निगम को हर साल मेंटेनेंस चार्ज देना पड़ रहा है. आंकड़ों के अनुसार, लाईट पर अभी तक 40 करोड़ से अधिक राशि खर्च हो चुकी है.
रोजाना 100 से अधिक शकायतें : सहायक अभियंता
निगम के सहायक अभियंता जयकुमार महतो ने कहा कि लाइट मेंटेनेंस का काम सालभर चलता है. दिवाली तक कितनी लाइट दुरुस्त होंगी, कहना मुश्किल है. क्योंकि लाइट खराब होने की हर दिन 100 से अधिक ऑनलाइन शिकायतें आती हैं. कुछ लोग ऑफिस आकर भी शिकायत करते है. 48 घंटे में उसका निदान भी किया जाता है. अभी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से भी शिकायतों का त्वरित निदान किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें : धनबाद : राजगंज को प्रखंड बनाने के लिए मुख्यमंत्री को भेजेंगे 1.30 लाख पोस्टकार्ड