Chaibasa : जमशेदपुर के विधायक और झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने पश्चिम सिंहभूम जिले के खनन विभाग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछले 20 साल में पश्चिम सिंहभूम खनन ऑफिस में करोड़ों का वारा-न्यारा हुआ है. उन्होंने कहा है कि जब किसी कंपनी पर 605 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगी थी, तो किस फार्मूले के आधार पर उसे 194 करोड़ कर दिया गया. वर्ष 2014 में शाह आयोग की अनुशंसा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ऑफिसर ने 605 करोड़ रुपये की पेनल्टी साबित की थी. उसके बाद दूसरे माइनिंग ऑफिसर आये और अलग फार्मूले के आधार पर उन्होंने पेनल्ट की राशि को 194 करोड़ कर दिया, जबकि जिला खनन विभाग में सारा लेखा-जोखा मौजूद रहता है.
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वर्ष 2000 से अब तक सभी फैसलों की जांच करें डीसी
सरयू राय ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद से अब तक जितने भी निर्णय लिये गये, सबका लेखा-जोखा जिला माइनिंग कार्यालय में है. जब सारा लेखा-जोखा माइनिंग विभाग में रहता है, तो फिर कैसे इसमें घपला हो रहा है. इसमें यहां के जिला खनन पदाधिकारी के साथ-साथ विभाग में पदस्थापित सभी लोग भ्रष्टाचार में शामिल हैं. उन्होंने जिले के उपायुक्त से आग्रह किया है कि वह वर्ष 2000 के बाद से पिछले 20 वर्षो में लिये गये सभी निर्णयों के कागजात सुरक्षित रखकर इसकी जांच करायें, ताकि इस खेल में शामिल लोग बेनकाब हो सकें.
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