सौरभ शुक्ला
Ranchi: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल कहे जानेवाले रिम्स के मुख्य गेट पर ही “दलालों से सावधान” दीवार पर लिखा हुआ है, लेकिन अंदर दलाल सक्रिय हैं. बगैर डोनर के खून दिला देने की बात कही जाती है. अच्छे से अच्छे डॉक्टर से भी दिखा देने का झांसा दिया जाता है. जल्द ही जांच रिपोर्ट दिला देने की बात कहकर रिम्स में दलाल दूरदराज से आए मरीजों को झांसे में लेकर उनकी गाढ़ी कमाई पर डाका डालते हैं.
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ओपीडी से ब्लड बैंक तक दलाल सक्रिय
रिम्स में विभिन्न विभागों के ओपीडी के आसपास के तला अल मरीजों को अपने चंगुल में फंसाने के लिए घूमते रहते हैं. सतर्कता घटते ही दलाल के चंगुल में मरीज फंस जाते हैं. वहीं रिम्स के ब्लड बैंक के आसपास भी दलाल सक्रिय हैं. मरीज को ब्लड नहीं मिल पाने के अवसर का लाभ दलाल उठाते है. भोले-भाले मरीजों को अपने झांसे में लेकर दलाल दो हजार से पांच हजार तक की लूट कर रहे हैं.
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कैंसर का इलाज करा रहे मरीज से ठगी
कैंसर के इलाज की आस लिए रिम्स पहुंची देवघर जिले के मार्गोमुंडा की मंजू देवी के पति से दलाल ने 95 सौ रुपये की ठगी कर ली. मामला पिछले साल का है, यहां दलाल ने पहले मरीज को ब्लड और उसके बाद जांच कराने के नाम पर झांसे में लेते हुए उसके पति गोपाल पंडित से ठगी कर ली.
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डायलिसिस के नाम पर 2500 रुपए की ठगी
रिम्स के मेडिसिन विभाग में अपनी मां का इलाज करा रहे मनीष ने कहा कि चिकित्सक ने मां के डायलिसिस कराने की बात कही थी. डायलिसिस कराने के लिए गया तो वहां पर मौजूद दलाल ने दवा और डायलिसिस में लगनेवाले सामान की खरीदारी के नाम पर 2500 रुपए की ठगी कर ली.
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मरीजों से शिकायत मिलने पर होती कार्रवाई
बरियातू थाना प्रभारी सपन महथा ने कहा कि ठगी का शिकार मरीज यदि शिकायत करता है, तो फिर थाना के द्वारा कार्रवाई की जाती है. दलालों को चिन्हित कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाता है. थाना प्रभारी ने कहा कि अगर कोई मरीज शिकायत ही नहीं करता है तो कोई कैसे कार्रवाई करे.
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