Brisbane : भारत ने मंगलवार को यहां चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में आस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हराकर श्रृंखला 2-1 से जीतकर बोर्डर-गावस्कर ट्राफी अपने पास बरकरार रखी. भारत के सामने 328 रन का लक्ष्य था जो उसने सात विकेट खोकर हासिल किया. भारत की तरफ से शुभमन गिल ने 91, ऋषभ पंत ने नाबाद 89 और चेतेश्वर पुजारा ने 56 रन बनाये. पीएम मोदी ने टीम इंडिया को इस जीत पर बधाई दी है.
We are all overjoyed at the success of the Indian Cricket Team in Australia. Their remarkable energy and passion was visible throughout. So was their stellar intent, remarkable grit and determination. Congratulations to the team! Best wishes for your future endeavours.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 19, 2021
आस्ट्रेलिया की गाबा मैदान पर पिछले 33 वर्षों में पहली हार
आस्ट्रेलिया की गाबा मैदान पर पिछले 33 वर्षों में यह पहली हार है जबकि भारत ने यहां अपनी पहली जीत दर्ज की. विराट कोहली की गैरमौजूदगी के बावजूद भारतीय क्रिकेट टीम ने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में इतिहास रच दिया है. ब्रिस्बेन में खेले गये चौथे टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से धूल चटाते हुए टेस्ट सीरीज 2-1 से जीत ली है. भारत ने लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में टेस्ट सीरीज में पटखनी दी है.
भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी लगातार तीसरी बार अपने नाम की
पिछली बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में 2018-19 टेस्ट सीरीज में 2-1 से हराया था. भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी लगातार तीसरी बार अपने नाम कर जीत की हैट्रिक लगाई है. इससे पहले भारत ने पिछली दोनों सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा किया था. 2018/19 में पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारत ने 2-1 से और इससे पहले 2016/17 में भारत ने अपने घर में ऑस्ट्रेलिया को इतने ही अंतर से मात दी थी.
भारत ने वेस्टइंडीज का 70 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया
गाबा के मैदान पर चौथी पारी में 328 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करते हुए भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर भारत ने वेस्टइंडीज का 70 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है. इससे पहले वेस्टइंडीज ने गाबा के मैदान पर 1951 में सर्वोच्च लक्ष्य का पीछा करके जीत हासिल की थी, तब उसने 236 रन बनाये थे.
ब्रिस्बेन में 33 साल से ऑस्ट्रेलिया नहीं हारा था, लेकिन टीम इंडिया ने इसको भी मुमकिन कर दिखाया और गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत का अंत कर दिया. ऑस्ट्रेलियाई टीम 1988 के बाद यानी 33 साल से गाबा के मैदान पर टेस्ट मैच नहीं हारी थी.